यूजीसी .कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में बनेंगे आपदा प्रबंधन क्लब, छात्रों को मिलेगी ट्रेनिंग

भास्कर न्यूज | जालंधर देशभर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में अब आपदा प्रबंधन को लेकर छात्रों को जागरूक और प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को दो बड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। पहला, हर संस्थान में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन क्लब बनाया जाएगा। दूसरा, ग्रैजुएट स्तर पर 2-क्रेडिट का स्किल इनहांसमेंट कोर्स शुरू किया जाएगा। इसके लिए यूजीसी ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है। यह पहल प्रधानमंत्री के सशक्त और आपदा-प्रतिकारक समाज के विजन के तहत की जा रही है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान और शिक्षा मंत्रालय के बीच हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। वहीं इसके साथ ही स्टूडेंट्स को इंटरएक्टिव गतिविधियों के जरिए भी जागरूक किया जाएगा। इसमें डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग पोस्टर और क्विज प्रतियोगिताएं मॉडल बनाना जैसे फ्लड-रेजिस्टेंट हाउसिंग आदि शामिल है। वहीं सस्टेनेबिलिटी और क्लाइमेट एक्शन के तहत संस्थानों में पौधारोपण और ग्रीन बेल्ट वेस्ट सेग्रीगेशन और कंपोस्टिंग और रेनवॉटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट भी चलाए जाएंगे और आपातकालीन तैयारी के लिए मॉक ड्रिल्स, क्राउड मैनेजमेंट और इमरजेंसी कम्युनिकेशन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। डिजास्टर रिस्क रिडक्शन क्लब क्लब छात्रों और फैकल्टी को आपदा प्रबंधन से जुड़ी गतिविधियों में शामिल करेंगे। इनमें फर्स्ट एड और सीपीआर ट्रेनिंग, फायर सेफ्टी ड्रिल, भूकंप से बचाव की वर्कशॉप, डिजास्टर सिमुलेशन एक्सरसाइज, और ऑनलाइन कोर्स शामिल हैं। क्लब स्थानीय स्तर पर रिस्क असेसमेंट, कैंपस की वल्नरेबिलिटी मैपिंग और इमरजेंसी प्लानिंग में भी मदद करेंगे। वहीं सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को स्नातक स्तर पर 2-क्रेडिट का स्किल इनहांसमेंट कोर्स शुरू करने को कहा गया है। यह कोर्स वैकल्पिक, अनिवार्य या वैल्यू-एडेड हो सकता है। इसका उद्देश्य छात्रों को आपदा के समय सही निर्णय लेने और प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करना है। वहीं इसके साथ ही स्टूडेंट्स के साथ डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान पर चर्चा भी की जाएगी और उन्हें इवैक्यूएशन और अर्ली वार्निंग सिस्टम की जानकारी भी दी जाएगी।

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