भारतीय मूल के यूट्यूब के CEO नील मोहन को टाइम मैगजीन ने 2025 का CEO ऑफ द ईयर चुना है। 2023 से CEO बने नील ने यूट्यूब को ट्रांसफॉर्मेटिव एरा में लीड किया है। मैगजीन ने उन्हें “कल्चरल आर्किटेक्ट” कहा, जो अरबों लोगों का डेली कंजम्प्शन शेप करता है। टाइम ने लिखा मोहन फार्मर है, जो वो कल्टीवेट करेगा, वो हम खाएंगे। यूट्यूब इस साल अपनी 20वीं एनिवर्सरी मना रहा है। टाइम ने नील की किसान से तुलना की टाइम ने अपने स्टेटमेंट में लिखा यूट्यूब आज पूरी दुनिया का खाना बना रहा है। नील मोहन किसान हैं, जो वो उगाएंगे, वही हम सब खाएंगे। यूट्यूब एक खेत है। इसमें कोई अच्छी फसल बोता है, कोई जहरीली। खेत पूरा प्लैनेट बन चुका है, इसलिए जो भी उगेगा, वही सबकी प्लेट में आएगा। नील मोहन कौन हैं? नील मोहन 52 साल के हैं, 1973 में मिशिगन के एन आर्बर में जन्मे थे। 1980 के दशक में तमिल पैरेंट्स के साथ लखनऊ आए, जहां हिंदी और संस्कृत सीखा। संस्कृत को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से कंपेयर किया। स्टैनफोर्ड से अंडरग्रेजुएट और MBA किया। उनके भाई अनुज की 30 साल की उम्र में स्विमिंग पूल एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। मोहन ने पाना करियर कंसल्टिंग से शुरू किया। उन्होंने नेटग्रेविटी जॉइन किया जो डबलक्लिक में मर्ज हुआ। 2007 में गूगल ने $3.1 बिलियन में डबलक्लिक खरीद लिया। नील मोहन की यूट्यूब में जर्नी डबलक्लिक डील से सुजैन वोझिक्की से मिले, जो बाद में यूट्यूब CEO बनीं। वोझिक्की ने उन्हें यूट्यूब में रिक्रूट किया। वोझिक्की के कैंसर डायग्नोसिस के समय मोहन ने जिम्मेदारियां संभालीं। 2023 में मोहन यूट्यूब के CEO बने। 2024 में वोझिक्की का निधन हो गया। टाइम ने कहा, “मोहन क्वाइट-स्पोकेन, डेलिबरेटिव, हार्ड टू रफल हैं। मोहन को स्पोर्ट्स देखना, बेटियों के डांस रिसाइटल जाना पसंद है। कई बार वे क्रिएटर्स के वीडियो में भी आ जाते हैं।


