पीथमपुर में रामकी प्लांट में नौ साल पहले हुए यूनियन कार्बाइड के 10 टन कचरे के निस्तारण का दंश आज भी तारपुरा गांव के 4 हजार लोग भुगत रहे हैं। प्लांट के आसपास 50 बीघा जमीन बंजर हो चुकी है, यहां खेती कर लाखों कमाने वाले किसान 300-400 रुपए में दिहाड़ी मजदूरी को विवश हैं। 5 साल पहले जहां 40 बोरी सोयाबीन होती थी, वहां मुश्किल से ढाई बोरी उपज हो रही है। भास्कर टीम गांवों में पहुंची तो लोगों का दर्द फूट पड़ा, बोले सरकार और प्रशासन ने झूठे दिलासे दिए, न कोई मुआवजा मिला और न दूसरा रोजगार दिया।
इंसीनरेटर चलता है तो दम घुटने लगता है
तारपुरा गांव की पार्षद किरण चमन चोपड़ा ने बताया, रामकी कंपनी वाले रात में इंसीनरेटर चलाते हैं। उससे निकलने वाला धुआं इतना जहरीला होता है कि सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। दमा, त्वचा रोग की बीमारियां हो रही है। पिछले साल दो लोगों की मौत कैंसर से हुई है। अब फिर कचरा जलाते हैं तो दिक्कत हो जाएगी।
7000 किसान व 300 एकड़ खेत प्रभावित
ग्राम पंचायत बीजेपुर के उपसरपंच शादाब खान: रामकी के प्लांट से आ रहे लाल पानी से 100 से ज्यादा किसान सीधे तौर पर व करीब 7 हजार अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हैं और 300 एकड़ के लगभग खेती पर बहुत बुरा असर पड़ा है। सोयाबीन चौपट हो गई है, गेहूं घटिया क्वालिटी का होता है। सात हजार किसान बुरी तरह प्रभावित, तीन साल से कहीं सुनवाई नहीं 8 बीघा जमीन के मालिक ने खेती छोड़ी शिवनारायण छोगालाल तारपुरा : हमारा घर कंपनी की बाउंड्री वॉल से लगा हुआ है। आसपास घनी आबादी वाला क्षेत्र है। हमारी 8 बीघा जमीन इंसीनरेटर के पीछे वाले हिस्से में है। पहले हम गेहूं, चना उगाते थे। पूरा परिवार खेती करता था। नौ साल पहले गांव में कई ट्रकों में भरकर भोपाल का कचरा लाया गया। उसके जलने के बाद से पूरी खेती नष्ट हो गई। मेरी जमीन पर सिर्फ घास उग रही है। परेशान होकर 2017 के बाद से खेती बंद कर दी। हम दिहाड़ी कर गुजर-बसर कर रहे हैं। बच्चे फैक्ट्री में नौकरी करते हैं। पीने के पानी के लिए नर्मदा लाइन पर निर्भर हैं। भूजल और मिट्टी खराब, सात साल से बोवनी बंद मानसिंह तारपुरा : मेरी प्लांट के पास 11 बीघा जमीन है। 2015-16 तक 25-30 क्विंटल सोयाबीन और 60-70 क्टिंवल गेहूं होती थी। जमीन बंजर होने के बाद 7 साल से बोवनी बंद कर दी। पानी इतना खराब कि नहाने से फफोले हो गए
शिवनारायण चोपड़ा, तारपुरा: रामकी कंपनी वाले खराब पानी नहर में छोड़ रहे हैं। मेरा खेत फैक्ट्री से आधा किमी दूर है, पहले कुएं का पानी पीते थे, लेकिन अब नहाते हैं तो भी फफोले हो जाते हैं। दो एकड़ जमीन हुई बर्बाद, विरोध पर केस कर देते हैं
देवनारायण चौहान, छोटा बेटमा : मेरी 2 एकड़ जमीन बर्बाद हो चुकी है। शिकायत कर करके थक चुके हैं। फैक्ट्री गेट पर विरोध करने जाते हैं तो पुलिस केस कर दिए जाते हैं।