यूपी में माफिया डॉन अतीक अहमद की हत्या के बाद शासन ने माफियाओं की नई सूची जारी की थी। सहारनपुर के बसपा से पूर्व MLC हाजी इकबाल का नाम दूसरे नंबर है। पहले नंबर पर भदोही के पूर्व विधायक विजय मिश्रा का नाम है। वहीं सहारनपुर के ही भू-माफिया विनोद शर्मा को इस सूची में 5वां स्थान मिला है। हाजी इकबाल करीब तीन साल से फरार है। फरार हाजी इकबाल और उसके रिश्तेदारों का बसपा सरकार के दौरान (2010-11) में हुए घोटाले की पोल यूपी में भाजपा सरकार आने के बाद खुलना शुरू हुआ। बसपा सरकार में यूपी की 21 चीनी मिलों को सस्ते दामों में बेचा गया था। 2018 से इकबाल और उसके रिश्तेदारों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ। चीनी मिल खरीद घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसकी और उसके रिश्तेदारों की 995 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क किया है। इनमें तीन चीनी मिल, जमीन, भवन और मशीनरी है। जिन्हें औने-पौने दामों में बसपा सरकार के दौरान खरीदा गया था। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई करते हुए मैसर्स मालो इंफ्राटेक प्रा. लि., मैसर्स डायनेमिक शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स हनीवेल शुगर्स प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाली चीनी मिलों की संपत्तियां कुर्क कर लीं। ये मिलें देवरिया के बैतलपुर, भटनी और शाहगंज में स्थित हैं। इन मिलों की लोकेशन बाराबंकी, देवरिया, कुशीनगर और बरेली में है। ईडी की जांच में यह भी पता चला कि इन कंपनियों के जरिए फर्जी तरीके से वित्तीय लेनदेन किए गए थे। शेल कंपनियों के जरिए खरीदीं 7 चीनी मिलें
ED की जांच में यह भी सामने आया कि इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों ने 2010-11 में शेल कंपनियों (मुखौटा कंपनियों) के जरिए सात चीनी मिलों का अधिग्रहण किया था। इस दौरान फर्जी निदेशक और फर्जी लेनदेन का भी खुलासा हुआ। इकबाल और उनके परिवार की गिरीशो कंपनी प्रा. लि. और नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने इन सात चीनी मिलों की बोली लगाई थी। पढ़िए…पूर्व MLC पर हुई 8 बड़ी कार्रवाई केस नंबर-1: हाजी इकबाल पर दर्ज है दुष्कर्म का केस 23 जून 2022 को बसपा के पूर्व एमएलसी एवं खनन माफिया हाजी इकबाल पर नाबालिग से दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। थाना मिर्जापुर के एक गांव में रहने वाली 16 साल की एक किशोरी ने तहरीर दी थी। आरोप था, हाजी इकबाल ने उसे कुछ रुपए का लालच देकर एक गोपनीय स्थान पर बुलाया था। वह स्थान का नाम नहीं जानती। वहां उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। शिकायत करने की बात कही तो उसको और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। तत्कालीन एसएसपी आकाश तोमर ने पीड़िता की तहरीर पर पोक्सो सहित कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। केस नंबर-2:1200 बीघा भूमि हो चुकी कुर्क जिला प्रशासन और पुलिस खनन कारोबारी एवं पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की 1350 बीघा में 800 बीघा भूमि कुर्क कर चुकी है। 14 मई को पुलिस एवं प्रशासनिक टीम ने हाजी इकबाल की करीब 400 बीघा भूमि पर सरकारी बोर्ड लगवाए जाने की कार्रवाई की थी। 15 मई को कार्रवाई जारी रखते हुए करीब 800 बीघा भूमि पर सरकारी बोर्ड लगवाए। जबकि हाजी मो.इकबाल के बेटे मो.वाजिद के नाम पर मिर्जापुर में खरीदी गई 70 बीघा भूमि, शेरपुर पेलो में एग्रो सॉल्यूशन फर्म के नाम पर खरीदी गई 50 बीघा, मायापुर रूपपुर में विक्की, अफजल एवं अरशद बिल्डर्स के नाम पर खरीदी गई 450 बीघा, मिर्जापुर पोल में एसएस एंटरप्राइजेज के नाम पर खरीदी गई। 125 बीघा तथा शफीपुर में तनवीन हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर खरीदी गई। 60 बीघा भूमि पर मुनादी कराते हुए सरकारी बोर्ड लगवाए हैं। प्रशासन ने कुल 800 बीघा भूमि पर कब्जा लेकर सरकारी बोर्ड लगवाए। हाजी इकबाल की कुल 1200 बीघा भूमि जब्त कर ली है। केस नंबर-3: गैंगस्टर में हुआ था मुकदमा
9 अप्रैल 2022 को पुलिस ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उनके चार बेटों सहित राव लईक और नसीम के खिलाफ थाना मिर्जापुर में गैंगेस्टर एक्ट का मुकदमा दायर किया था। गैंगेस्टर एक्ट में नसीम, राव लईक और हाजी इकबाल के एक बेटे अलीशान को जेल भेज चुकी है। मुकदमे जिलाधिकारी के आदेश पर पुलिस और राजस्व प्रशासन ने नसीम की 21 करोड़ की प्रॉपर्टी 30 अप्रैल 2022 को और हाजी इकबाल की 107 करोड़ की प्रॉपर्टी 14 मई 2022 को कुर्क कर चुकी है। केस नंबर-4:फर्जी डिग्रियां बांटने का आरोप
हरियाणा के रोहतक के प्रेमपाल ने सहारनपुर एसएसपी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि ग्लोकल यूनिवर्सिटी में बिना एडमिशन कराए अवैध रूप से बैक डेट में एडमिशन दिखाकर डिग्रियां बांटी गई हैं। जिस पर एसएसपी ने सीओ बेहट को उक्त मामले की जांच करने के आदेश दिए। तत्कालीन एसएसपी डॉ.विपिन ताडा ने बताया कि जांच में वर्ष 2021-22 में फर्जी डिग्री दिए जाने की बात सही पाई गई। हाजी इकबाल सहित 6 अन्य लोगों के खिलाफ फर्जी डिग्री दिए जाने का धोखाधड़ी की धाराओं 420/467/468/406/471/120बी में मामला दर्ज किया गया है। सीओ बेहट मुनीश चंद्र और कोतवाली प्रभारी हृदय नारायण सिंह ने ग्लोकल यूनिवर्सिटी पहुंचकर जांच पड़ताल भी की। केस नंबर-5:तीन कोठियों पर चला बुलडोजर
चार जुलाई 2022 को जिला प्रशासन ने हाजी इकबाल और उसके भाई महमूद अली की न्यू भगत सिंह कॉलोनी में स्थित तीन कोठियों पर बुलडोजर चलाया था। जिसमें महमूद अली की कोठी को जमींदोज कर दिया गया था। पुलिस ने दो माह पहले ही हाजी इकबाल की 1500 बीघा जमीन को भी जब्त कर चुकी है। वहीं उसके साथी सनी नागपाल की जमीनों पर बुलडोजर चलाया था। 12 जुलाई को जिला प्रशासन ने सनी नागपाल को भूमाफिया की कार्रवाई की। केस नंबर-6:बेटों और भाई को जेल भेज
हाजी इकबाल के चार बेटों अलीशान, जावेद, अफजल और वाजिद को अरेस्ट कर जेल भेजा था। हाजी इकबाल के भाई एवं पूर्व एमएलसी महमूद अली को भी जेल भेजा। 13 मई 2022 को थाना बेहट पुलिस और सर्विलांस टीम ने बेटे अलीशान को अरेस्ट किया था। जबकि 26 मई 2022 को दूसरे हिस्ट्रीशीटर बेटे जावेद को गिरफ्तार किया था। मिर्जापुर सहित राज्य में एक दर्जन से ज्यादा धोखाधड़ी और जालसाजी के मुकदमे दर्ज, B/5 क्लाश का हिस्ट्रीशीटर और माफिया है जावेद। तीसरे बेटे अफजल को पुलिस ने 5 जून 2022 को पावर हाउस के पास यमुना नदी के समीप से गिरफ्तार किया था। 17 जुलाई को पूर्व MLC महमूद अली नवी मुंबई के नैरुल में एक किराये के फ्लैट से गिरफ्तार किया था। अफजल पर जमीन की धोखाधड़ी, जालसाजी, गैंगस्टर एक्ट एवं एससीएसटी एक्ट सहित कई मामलों में मुकदमे थे। हाजी इकबाल के बेटे वाजिद पर 25, अफजाल 15, अलीशान पर 21 और जावेद पर 26 मुकदमे दर्ज है। हाजी इकबाल के मुंशी नसीम पर 8 और राव लईक पर सात मुकदमे कायम है। केस नंबर-7:एक लाख का इनाम घोषित
हाजी इकबाल के खिलाफ गैंगस्टर समेत 47 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 36 पुलिस में कायम हैं। जबकि 11 मुकदमे फोरेस्ट विभाग में दर्ज हैं। जिनमें वह कुछ में फरार चल रहा है। वर्तमान में उस पर एक लाख रुपए का इनामी भी है। हाजी इकबाल उर्फ बाल्ला और उनके बेटे अब्दुल वाजिद, जावेद, मोहम्मद अफजाल, आलीशान के अलावा राव लईक, मुंशी नसीम पर पुलिस ने गैंगस्टर लगाई थी। जिसमें गैंग लीडर हाजी इकबाल को बनाया हुआ है। गैंग ने वन क्षेत्र से खैर की लकड़ी चोरी की, अवैध रूप से खनन का कारोबार किया। दबंगई के बल पर धोखाधड़ी और डरा-धमकाकर सरकारी और गैर सरकार जमीनों पर कब्जे किए। सभी लोगों की अलग-अलग स्थानों पर 63 संपत्तियों को चिन्हित किया गया है। केस नंबर-8:फर्जी तरीके से यूनिवर्सिटी के बैनामे कराए
हाजी इकबाल उर्फ बाल्ला ने ट्रस्ट के जरिए 500 करोड़ रुपए यूनिवर्सिटी में लगाए और 4440 करोड़ रुपए की यूनिवर्सिटी खड़ी कर दी। ईडी के अनुसार, हाजी इकबाल के साथ करोड़ों का लेन-देन हुए, जबकि इन कंपनियों से उसका कोई भी कारोबारी संबंध नहीं था। अवैध कमाई को आयकर विवरण में भी छिपाया गया था। बाद में मोहम्मद इकबाल ने सारी धनराशि अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी। अधिकतर रकम को असुरक्षित कर्ज और दान के रूप में दिया जाना दर्शाया गया। बाद में ट्रस्ट ने इस धनराशि का उपयोग यूनिवर्सिटी की भूमि खरीदने और भवनों के निर्माण के लिए किया। ईडी की जांच में सामने आया है कि इस तरह करीब 500 करोड़ रुपये ट्रस्ट के जरिए ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश किए गए। हाजी इकबाल के यह रहे चर्चित मामले इन चीनी मिलों को औने-पौने दामों में खरीदा