विधानसभा के सदस्य ही सदन का नियम तोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सुबह 11 से 12 बजे तक चलने वाले प्रश्नकाल को ही केवल सार्वजनिक किया जाता है। इसके बाद की कार्यवाही को सार्वजनिक करना प्रतिबंधित है। उसके बावजूद ध्यानाकर्षण और बजट अनुदान मांगों पर हुई चर्चा को भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जा रहा है। ये रिकॉर्डिंग मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के कमरे में लगी टीवी से की जा रही है। विधानसभा की पूरी कार्यवाही इस टीवी पर ही केवल लाइव चलती है। दरअसल, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि जनता सदन के अंदर की सभी घटनाओं को जानना चाहती है। जिस तरह लोकसभा-राज्यसभा में दिनभर का प्रसारण चलता है, वैसा हमारी विधानसभा में भी होना चाहिए। सदस्यों के मोबाइल भी हो चुके हैं बैनः 6 दिसंबर 2021 को विधानसभा के तत्कालीन प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने सभा में मंत्री-विधायकों के मोबाइल फोन को ले जाना बैन कर दिया थ। उन्होंने आदेश जारी कर कहा था कि फोन की घंटी बजने से सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न होता है।
कई विधायकों ने भी की मांग धर्मजीत सिंहः आग्रह है कि लोकसभा में दिनभर लाइव होता है तो लोग उसे देखते हैं। हम लोग भी उससे कुछ सीखते हैं। लाइव रहेगा तो ये लोग भी थोड़ा अतिमर्यादित रहेंगे। उमेश पटेलः आप अपने मंत्रियों को देखिये कि क्या जवाब दे रहे हैं? लिखते कुछ हैं और बोलते कुछ ? धर्मजीतः तब मंत्री जी भी ठीक से जवाब देंगे। रामकुमार यादवः हम लोग भी मांग कर रहे हैं कि पूरे दिन का प्रसारण किया जाए, जिससे इनकी पोल खुल जाए। डॉ. रमन सिंहः वर्तमान में व्यवस्था नियम और प्रक्रिया के तहत ही करेंगे। भविष्य में क्या करना है, कभी चर्चा होगी तो उसको आगे बढ़ाएंगे। 2021 में भी उठ चुका है मामलाः 28 जुलाई 2021 को तत्कालीन स्पीकर चरणदास महंत ने कहा था कि सदन के विभिन्न कक्षों में प्रसारित कार्यवाही की गोपनीयता बनाए रखना सदस्यों का दायित्व है। वीडियो रिकॉर्डिंग को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है, जो आपत्तिजनक और सदन की गरिमा एवं प्रतिष्ठा के विपरीत है। ये है नियम
स्पीकर डॉ. रमन सिंह के मुताबिक यह अध्यक्षीय व्यवस्था है कि विधानसभा के प्रश्नकाल के अतिरिक्त दूसरे प्रकार के जितने भी बिजनेस चलते हैं, उसकी वीडियोग्राफी नहीं हो सकती। सार्वजनिक भी नहीं किया जा सकता। इसलिए सभी को इसका पालन करना चाहिए, यह कानून के तहत है। मैं आग्रह करूंगा कि विधानसभा में जिस चीज की छूट नहीं है, उसका पालन सबको करना चाहिए। प्रश्नकाल को आप सोशल मीडिया पर डाल सकते हैं।
चंद्राकर की वीडियोग्राफी की मांग को स्पीकर की ‘ना’
अजय चंद्राकर ने दिनभर वीडियोग्राफी के लिए व्यवस्था मांगी तो डॉ. रमन बोले- आप बड़े सीनियर सदस्य हैं। वीडियो के माध्यम से प्रसारण कितना और कब किया जाए, कैसे किया जाए। यह एक मान्य परंपरा है, जिसका पालन देश की सभी विधानसभाओं में हो रहा है। इसलिए प्रश्नकाल छोड़ किसी भी विषय की वीडियोग्राफी नहीं हो सकती।
सदन में सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया था कि प्रश्नकाल के बाद की कार्यवाही भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की जा रही है। यह अध्यक्षीय व्यवस्था के विपरीत है। अगर ऐसा नियमित होता है तो टीवी को हटाकर रेडियो लगाए जाएंगे।
-दिनेश शर्मा, सचिव, विधानसभा