यूपी के सीएम योगी ने सोमवार को महाकुंभ पर विधानसभा में विपक्ष के हर सवालों के जवाब दिए। कहा- किसी ने सच कहा है कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला। गिद्धों को केवल लाश मिली, सूअरों को गंदगी मिली। संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली, आस्थावान को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, भक्तों को भगवान मिले। व्यापारियों को धंधा मिला, श्रद्धालुओं को साफ-सुथरी व्यवस्था मिली। जिसकी जैसी नीयत थी, दृष्टि थी, उसको वैसा ही मिला। योगी ने कहा- ‘हम समाजवादी पार्टी की तरह जनता की धार्मिक भावनाओं के साथ नहीं खेलते हैं। इनके मुखिया के पास कुंभ की निगरानी करने और उसकी भव्य व्यवस्था देखने के लिए समय नहीं है, इसलिए उन्होंने एक गैर सनातनी को महाकुंभ का इंचार्ज बनाया। महाकुंभ में गड़बड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अखिलेश यादव ने योगी के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने X पर लिखा- महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ, उनके पाप और पतन की सीमा भला कौन नाप सकता है।…सन्मति दे भगवान! अब योगी की 5 बड़ी बातें पढ़िए… 1- हमने किसी धर्म विशेष को महाकुंभ आने से नहीं रोका
योगी बोले- आपने (सपा) कहा कि महाकुंभ में एक धर्म विशेष के लोगों को रोका गया। हमने कहा कि किसी को रोका नहीं गया है। हमने कहा था कि जो लोग सद्भावना के साथ जाएंगे, वे जा सकते हैं, लेकिन अगर कोई दुर्भावनापूर्ण इरादे से जाएगा, तो उन्हें परेशानी होगी। 2- अखिलेश पर तंज कसा, मानव-दानव और महामानव के बीच अंतर समझाया
अखिलेश यादव ने कहा था, 144 साल और कुंभ को महाकुंभ कहकर गुमराह किया गया। सीएम योगी ने अखिलेश की इन बातों को लेकर विपक्ष की जमकर खिंचाई की। राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बयान का हवाला दिया। योगी ने बताया, डॉ. राधाकृष्णन ने कहा था कि मानव का मानव होना उपलब्धि है, मानव का दानव होना पराजय और मानव का महामानव होना उसकी विजय है। मानव, दानव और महामानव यानी देव तीनों श्रेणियां हमेशा से रही हैं। महर्षि कश्यप की दो रानियां थीं। एक से देव व दूसरे से दानव हुए। यानी दोनों की उत्पत्ति मानव से ही हुई है। कर्म, आचरण, व्यवहार ने किसी को मानव और किसी को दानव बनाया है। जो दिनचर्या में व्यस्त है, वह मानव है। जो व्यवस्था में विश्वास नहीं करता, नकारात्मकता पैदा करता है, वह दानव है। और जो स्वार्थ भावना से ऊपर उठकर परमार्थ के प्रति काम करता है, वह महामानव होता है। यह तीन श्रेणियां हमें बहुत कुछ प्रेरणा देती हैं। 3- अगर विश्वस्तरीय सुविधा न होती तो 63 करोड़ स्नान न कर पाते
योगी ने कहा, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को आपत्ति थी कि भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र और राज्यपाल के अभिभाषण में महाकुंभ को वैश्विक स्तर का आयोजन बनाने के लिए क्यों उल्लेख किया? महाकुंभ में अगर विश्वस्तरीय सुविधा न होती तो अब तक 63 करोड़ से अधिक श्रद्धालु उसका हिस्सा नहीं बनते। मैं भारत के हर महापुरुष को सम्मान देता हूं, जिसने भारत में जन्म लिया है। 4- सपा का आचरण देखना हो तो इनका सोशल मीडिया हैंडल देखिए
सपा विधायकों की तरफ इशारा करते हुए योगी ने कहा- आप संविधान की कॉपी लेकर घूमते हैं, लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के प्रति आप लोगों का दृष्टिकोण क्या है? राज्यपाल जब अभिभाषण दे रही थीं तो आपका व्यवहार कितना संवैधानिक था। यदि ऐसा व्यवहार संवैधानिक है तो फिर असंवैधानिक क्या है। आप लोग भाषण बहुत देते हैं, लेकिन वास्तविक आचरण देखना हो तो सपा सोशल मीडिया सेल का हैंडल देखिए। यह उनकी विचारधारा, आंतरिक शिष्टाचार, लोकतंत्र के प्रति उनके विचारों की अभिव्यक्ति का ऐसा माध्यम है, जिससे कोई भी सभ्य समाज लज्जा महसूस करता है। फिर भी आप दूसरों को उपदेश देते हैं। 5- समाजवादियों को अंतिम पायदान पर धर्म की याद आती है
योगी ने सपा और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय पर तंज कसते हुए कहा- अच्छा लगा कि आपने महाकुंभ, सनातन परंपरा व अयोध्या धाम को स्वीकार किया। समाजवादी जब अंतिम पायदान पर खड़ा होता है तो उसे धर्म की याद आती है। सीएम ने नेता प्रतिपक्ष से कहा- 2013 में आपको जाने नहीं दिया गया था। इस बार आप गए थे। आपने स्नान किया, सुविधाओं की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। व्यवस्था सरकार की थी, माध्यम अध्यक्ष जी थे। अनुमान है कि 26 फरवरी तक यह संख्या 65 करोड़ पार करेगी। लड़कों से गलती हो जाती है… ब्रजेश पाठक की मुलायम वाली बात पर हंगामा
सपा विधायक समरपाल सिंह के एक सवाल पर ब्रजेश पाठक ने पूछा- नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का सम्मान तो बहुत किया। सपा वाले नेताजी की हर बात मानते हैं। क्या वह बात भी मानेंगे। लड़कों से गलती हो जाती है। इसके बाद विधानसभा में सपा विधायकों ने जोरदार हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मामले को शांत कराने की कोशिश की। कहा-हर बात को निगेटिव मत लीजिए। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय खड़े हो गए। उन्होंने कहा- नेता जी सम्मानित व्यक्ति रहे हैं। उनके लिए इस तरह की बात नहीं की जानी चाहिए। मंत्री जी ने जानबूझकर ऐसा बोला कि विवाद हो जाए। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। फिर वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि सदन में किसी का नाम नहीं लिया गया। मुलायम सिंह सबके आदरणीय नेता हैं। यूपी विधानसभा में इस बार 11 दिन का बजट सत्र है। 20 फरवरी को बजट पेश किया गया था। सदन 5 मार्च तक चलेगा। विधानसभा की कार्यवाही से जुड़े अपडेट्स पढ़ने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…