योग के नियमित अभ्यास से बेहतर एकाग्रता बढ़ती है: सीजेएम बोरकर

भास्कर न्यूज| महासमुंद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिवसों के अवसर किए जाने वाले कार्यक्रम के तहत शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला न्यायालय परिसर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर न्यायाधीशो, अधिवक्तागणों और न्यायालयीन अधिकारी-कर्मचारियों ने योगाभ्यास किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव आफरीन बानो ने बताया कि योगाभ्यास समारोह में योग प्रशिक्षक डॉ. किरण ने योगाभ्यास कराए जाने के दौरान पद्मासन, ताड़ासन, वज्रासन, मकरासन, नौकासन, भुजंगासन, शवासन, कपाल भारती सहित अनुलोम-विलोम जैसे महत्वपूर्ण योग के बारे में आसन की प्रक्रिया और उनके महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देकर योगाभ्यास कराया गया। योगाभ्यास शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद बोरकर ने अपने जीवन शैली में नियमित रूप से योग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि योग का मानव जीवन में बहुत महत्व है। क्योंकि इसका संबंध मनुष्य के शरीर और मन को स्वस्थ रखने से होता है और योग के नियमित अभ्यास से बेहतर एकाग्रता बढ़ती है। योग अर्थात धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है। योग प्राचीन भारतीय संस्कृति व उच्च सभ्यता का परिचायक होता है। यह हमारी संस्कृति के धरोहर है। योग हमारे दैनिक क्रियाकलापों से हमारे विचार, मन और प्रकृति को जोड़ता है। इस मौके पर सिविल न्यायाधीश अरूण कुमार नोरगे, गीतांजली कश्यप, आदित्य जैन, प्रियदर्शन गोस्वामी सहित अधिवक्तागण, न्यायालयीन अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

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