रतलाम कलेक्ट्रेट में मंगलवार दोपहर उस समय भावुक माहौल बन गया, जब एक युवक अपनी प्रेमिका को उज्जैन आश्रय स्थल भेजे जाने का विरोध करते हुए गाड़ी के पीछे दौड़ पड़ा और बेहोश होकर गिर गया। परिजन उसे एक्टिवा से तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे। दरअसल, यह मामला रतलाम के 20 वर्षीय युवक और 19 वर्षीय युवती के प्रेम प्रसंग से जुड़ा है। दोनों कुछ दिन पहले घर से भाग गए थे और 2 दिसंबर को स्टांप पर साथ रहने का एग्रीमेंट भी बनाया था। इसके बाद 4 दिसंबर को युवती के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने बाद में युवती को बरामद कर लिया। थाने में युवती ने अपने माता-पिता के साथ रहने से इनकार करते हुए युवक के साथ रहने की इच्छा जताई। लेकिन युवक की उम्र 21 साल से कम होने के कारण पुलिस ने नियमानुसार युवती को वन स्टॉप सेंटर भेजने का निर्णय लिया। युवती को उज्जैन भेजने के दिए आदेश
मंगलवार को वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक नीता परिहार युवती को लेकर अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव के समक्ष पेश हुईं। यहां युवती को समझाया गया कि कानूनन शादी के लिए युवक की उम्र 21 वर्ष होना आवश्यक है। इसके बाद युवती को उज्जैन आश्रय स्थल भेजने के आदेश दिए गए। युवक भी परिजनों के साथ पहुंचा कलेक्ट्रेट
युवती के कलेक्ट्रेट आने की सूचना पर युवक भी अपने परिजनों के साथ वहां पहुंच गया। युवती को उज्जैन भेजे जाने की जानकारी मिलते ही युवक रोने लगा और उसे अपने से अलग न करने की गुहार लगाने लगा। युवती भी फूट-फूटकर रोने लगी। जब प्रशासक युवती को गाड़ी में बैठाकर ले जाने लगीं तो युवक पीछे-पीछे दौड़ा और गाड़ी रोकने की कोशिश की। इसी दौरान वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। परिजन रोते हुए उसे अस्पताल लेकर गए। परिजन बोले- जबरन युवती को भेजा जा रहा
युवक की मां और बहन ने आरोप लगाया कि युवक बालिग है, दोनों चार साल से एक-दूसरे को जानते हैं और कोर्ट मैरिज कर चुके हैं, फिर भी अधिकारियों द्वारा जबरन युवती को उज्जैन भेजा जा रहा है। अपर कलेक्टर ने कहा- नियमानुसार आश्रय स्थल भेजा
वन स्टॉप सेंटर प्रशासक नीता परिहार ने बताया कि युवती की उम्र 19 साल 10 माह और युवक की उम्र 20 साल है। चूंकि युवक की उम्र 21 साल नहीं है और युवती माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती, इसलिए उसे उज्जैन आश्रय स्थल भेजा गया है। अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि युवती ने अपने बयान में युवक के साथ तत्काल जाने की इच्छा स्वेच्छा से नहीं जताई, इसलिए नियमानुसार उसे आश्रय स्थल भेजा गया है।


