रांची में एक बार फिर सर्दी की दस्तक तेज होने वाली है। मौसम केंद्र ने बताया है कि आज से तापमान में गिरावट का दौर शुरू हुआ। यह सिलसिला अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा। इस दौरान न्यूनतम तापमान में लगभग 2 डिग्री की कमी दर्ज होने की संभावना है। इसके बाद दो दिनों के अंतराल में पारा करीब 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। मंगलवार को हल्की बढ़ोतरी के साथ न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री पर जरूर पहुंचा, लेकिन शाम होते-होते कनकनी ने लोगों को बेहाल कर दिया। दोपहिया वाहन चालकों को तेज ठंड और हवा के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विभाग ने आसमान साफ रहने की संभावना जताई है। वहीं 14 दिसंबर से सुबह कोहरा छाने लगेगा। 15 दिसंबर के बाद ठिठुरन बढ़ाती शीतलहर चलने के संकेत मिल रहे हैं। झारखंड के हर हिस्से में ठंड का असर राज्य के ज्यादातर जिलों में तापमान लगातार नीचे जा रहा है। रांची और गुमला 5 डिग्री के साथ सबसे ठंडे जिलों में शामिल हैं। वहीं बोकारो, हजारीबाग सहित मध्य झारखंड में न्यूनतम तापमान 5 से 11 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है। चतरा, पलामू, गढ़वा, लातेहार और लोहरदगा में पारा 6 से 10 डिग्री तक बना हुआ है। पूर्वोत्तर झारखंड के देवघर, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ व साहिबगंज में तापमान 9 से 14 डिग्री के बीच है। दक्षिणी जिलों में दिन का तापमान 27-28 डिग्री रहने से हल्की राहत महसूस की जा रही है। विभाग के अनुसार अगले दिनों में उत्तर-पश्चिमी हवाओं और साफ आसमान के कारण रांची, गुमला, पलामू और चतरा में तापमान दो से तीन डिग्री और गिर सकता है, जिससे ठंड का असर और बढ़ जाएगा। बच्चों–वृद्धों के लिए स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट बढ़ती ठंड को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। विभाग का कहना है कि छह वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और डायबिटीज, बीपी व श्वास संबंधी रोगों से जूझ रहे मरीज ज्यादा जोखिम में हैं। ऐसे लोगों को बाहर निकलने से बचने और सिर, गला, छाती व हाथ-पैर पूरी तरह ढककर रखने की सलाह दी गई है। साथ ही लंबे समय तक खुले में रहने से बचने की हिदायत दी गई है। आपात स्थिति में हेल्पलाइन 108 और 104 पर संपर्क करने का निर्देश जारी किया गया है। शीतलहर की गंभीर स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने राज्यभर में व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने के आदेश दिए हैं। सभी सिविल सर्जनों, चिकित्सा पदाधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों को केंद्र की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।


