वक्फ बिल को लेकर रांची में शुक्रवार को अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम) ने विरोध-प्रदर्शन किया। मेन रोड स्थित एकरा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद लोगों ने हाथों में काली पट्टी बांध कर बिल के प्रति विरोध जताया। साथ ही बैनर-पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया। लोगों का कहना है कि सरकार को मजबूर होकर इस बिल को वापस लेना पड़ेगा। AIMIM के नगर स्पोक पर्सन मो. आरिफ आलम ने कहा, ‘वक्फ बिल सीधे-सीधे मुसलमानों के हक और हुकूम पर ताला है। जिस तरीके से तीन तलाक, NRC बिल, उसी तरह वक्फ बिल हमारे ऊपर केंद्र सरकार की लाठी पड़ना है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। संविधान के दायरे में रहकर विरोध करेंगे उन्होंने कहा- कोई भी मुसलमान संगठन चाहे वो सरकारी या गैरसरकारी संगठन हो, हम पुरजोर इसका विरोध करते हैं। लोकतांत्रिक तरीके से संविधान का जो अधिकार हमें मिला है, हम उस संविधान के दायरे में रहकर विरोध करेंगे। आंदोलन करेंगे। मो. आरिफ ने कहा, ‘यह आंदोलन तब तक होगा, जब तक कि सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है। किसान बिल को सरकार ने मजबूर होकर वापस लिया था, उसी तरह इस बिल को भी वापस लेना होगा।’ वहीं, रांची कॉलेज के पूर्व छात्र मो. वसीम ने कहा, ‘यह बिल हमारे हिंदुस्तान के लिए ठीक नहीं है। इस बिल को हमलोग सिरे से खारिज करते हैं।’ गुरुवार को राज्यसभा में हुआ था पारित कर लोकसभा में बुधवार को पारित होने के बाद वक्फ संशोधन बिल गुरुवार को राज्यसभा में भी पारित कर दिया गया। 12 घंटे की चर्चा के बाद रात करीब 2:33 बजे अंतिम वोटिंग हुई और 128/95 वोटों से इसे पारित कर दिया गया। अब वक्फ बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति अधिसूचना जारी करेंगे और यह कानून के रूप में लागू हो जाएगा।