रांची यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि पीजी हिंदी विभाग के शिक्षक डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह का लियन (अवकाश) की अवधि समाप्त हो गई है। इसलिए इन्हें एक अवसर देते हुए 10 दिनों के अंदर वरीय व्याख्याता के पद पर योगदान देने के लिए कहा है। साथ ही कहा कि निर्धारित अवधि के अंदर योगदान नहीं करने की स्थिति में सेवा समाप्त कर दी जाएगी। डॉ. मिथिलेश वर्तमान में विनोबा भावे विश्वविद्यालय में हिंदी विषय में प्रोफेसर सह ह्यूमिनिटी डीन हैं। इस सबंध में आरयू प्रशासन द्वारा विनोबा भावे विवि के रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर जानकारी दे दी गई है। इस संबंध में पूछे जाने डॉ. मिथिलेश ने कहा है कि इससे संबंधित मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। फैसला मेरे पक्ष में आया है। अभी अवमानना का मामला का चल रहा है। ऐसी स्थिति में सेवा समाप्त की धमकी देना अनुचित है। आरयू प्रशासन ने पत्र में कहा है कि रांची विवि की सिंडिकेट ने लियन की अवधि विस्तार से संबंधित से संबंधित आवेदन 19 दिसंबर 2024 को निरस्त कर दिया गया था, जिसकी जानकारी डॉ. मिथिलेश को भेज दी गई थी। लियन की अवधि पिछले साल 21 दिसंबर को ही समाप्त हो गई थी। यह है पूरा मामला : एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन के बाद डॉ. मिथिलेश ने प्रमोशन की डेट शिफ्टिंग के लिए जेपीएससी को आवेदन दिया था। विलंब होने पर डॉ. मिथिलेश हाईकोर्ट चले गए, जिसमें उनके पक्ष में फैसला आया। इधर जेपीएससी ने कई वर्षों के बाद डॉ. मिथिलेश समेत अन्य छह शिक्षकों का एसोसिएट प्रोफेसर का प्रमोशन वापस ले लिया। प्रमोशन देने के कई वर्षों बाद वापस लेने कार्रवाई का विवि शिक्षकों ने विरोध किया था।