राखी का धागा दृढ़ता और आत्मिक स्मृति का प्रतीक है तिलक : भारद्वाज

भास्कर न्यूज | जालंधर गुलमोहर सिटी स्थित मां बगलामुखी धाम में शनिवार को श्री शनिदेव महाराज जी का हवन करवाया। ब्राह्मणों ने मुख्य यजमान तुषार से पूजन कराकर सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाईं। धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज ने भक्तों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी त्योहारों में रक्षा बंधन एक अनूठा उत्सव है, जो न तो किसी जयंती से संबंधित है और न ही किसी विजय राज तिलक से। रक्षाबंधन ऐसा प्रिय बंधन है, जिसमें हर भाई अपनी बहन के प्यार में बंधना चाहता है। यह बंधन ईश्वरीय बंधन है, इसलिए प्रत्येक प्राणी खुशी से बंधने के लिए तैयार रहता है। उन्होंेने कहा कि वास्तव में बंधन शब्द प्रतिज्ञा और रक्षा मनोविकारों से बचाव का प्रतीक है, जबकि तिलक आत्मिक स्मृति का प्रतीक है। इसके अलावा राखी का धागा प्रतिज्ञा में दृढ़ता का प्रतीक है, परस्पर अटूट स्नेह का प्रतीक है। गीता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब संसार में नैतिक मूल्यों की कमी आने लगती है, तब ज्योर्तिलिंगम भगवान शिव, प्रजापति ब्रह्मा द्वारा धरती पर पवित्र धागे भेजते हैं, जिन्हें बहनें मंगलकामना करते हुए भाइयों को बांधती है और भगवान शिव उन्हें नकारात्मक विचारों से दूर रखते हुए दुख और पीड़ा से मुक्ति दिलाते हैं। इस मौके पर अमरजीत सिंह, अणु अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, राकेश प्रभाकर, पूनम प्रभाकर, सरोज बाला, समीर कपूर, अमरेंद्र कुमार शर्मा, प्रदीप, जानू थापर समेत अन्य मौजूद रहे। श्रद्धालुओं ने इस मौके पर अपने तथा अपने परिवार की सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना की।

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