राजसमंद में मजा नांदोड़ा गांव के पास जंगल में एक घायल लेपर्ड मेटल के फंदे में फंसा मिला। ग्रामीणों ने लेपर्ड के एक पंजे को बुरी तरह फंदे में जकड़ा देखा, जिसके बाद तुरंत वन विभाग को सूचना दी गई। जानकारी पर रेंजर लादू लाल शर्मा ने रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा। टीम ने वहां पहुंचकर देखा कि लेपर्ड का एक पांव फंदे में जकड़ा हुआ था, जिससे वो बेहद आक्रामक हो गया था और लेपर्ड के दूसरों पर हमला करने की आशंका बनी हुई थी। इसके बाद रेस्क्यू टीम में शामिल सुरेंद्र सिंह ने सुरक्षित दूरी से लेपर्ड को ट्रेंक्यूलाइज किया। बेहोश होने के बाद टीम उसके पास पहुंची और सावधानीपूर्वक पंजे में फंसा मेटल का फंदा हटाया। टॉडगढ़ सेंचुरी में छोड़ा
रेस्क्यू के बाद लेपर्ड को वन विभाग के पिंजरे में शिफ्ट कर राजसमंद कार्यालय लाया गया, जहां पशु चिकित्सक नरेश मीणा ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया। जांच में लेपर्ड पूरी तरह स्वस्थ पाया गया। इसके बाद उसे टॉडगढ़ रावली अभयारण्य के जंगल में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया। लेपर्ड की उम्र करीब 6 साल
वन विभाग के अनुसार- नर लेपर्ड की उम्र लगभग छह वर्ष आंकी गई है। विभाग की टीम अब यह जांच कर रही है कि फंदा किसने लगाया और इसके पीछे उसकी मंशा क्या थी। तहसीलदार पुष्पेंन्द्र सिंह कितावत, रेस्क्यू टीम में सत्यानंद गरासिया, वन्यजीव प्रेमी पन्नालाल कुमावत, गिरिश, अटल सिंह और घनश्याम पूर्बिया सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे।


