झारखंड सरकार ने राज्य के वित्तीय हालात को सुधारने और विकास योजनाओं के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य की आय में बढ़ोतरी के लिए वित्त विभाग के विशेष सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष समिति (कोषांग) बनाई गई है। समिति में खान निदेशक, वाणिज्य कर आयुक्त समेत महाधिवक्ता के प्रतिनिधि को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा संयुक्त परिवहन आयुक्त, भू-अर्जन निदेशक और वित्त विभाग के संयुक्त सचिव भी बतौर सदस्य शामिल होंगे। यह समिति आय में बढ़ोतरी के लिए साधन स्रोत, खनन क्षेत्र में लागू पुरानी करों में वृद्धि और न्यायिक मामलों में लंबित वसूली में तीव्रता लाने के लिए प्रस्ताव तैयार करेगी। विशेष समिति राजस्व संग्रहण में तेजी लाने के लिए नए स्रोतों की तलाश करेगी। समिति राजस्व उगाही के क्षेत्र में सुदृढ़ीकरण के लिए प्रस्ताव देगी। राजस्व उगाही में आनेवाली वैधानिक अड़चनों पर समिति विचार-विमर्श कर उसे दूर करने संबंधी प्रस्ताव भी देगी। हर महीने के बुधवार को समिति की बैठक होगी। दो माह के अंतराल पर समिति के सभी सदस्य वित्त सचिव के साथ बैठक करेंगे। यह समिति चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व वसूली तेज करने के लिए भी हर 15 दिनों में बैठक करेगी। साथ ही, महीने में एक बार वित्त सचिव के साथ बैठक करेगी। इधर, सरकार नई योजनाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था करने पर भी जोर दे रही है। राजस्व उगाही में तेजी लाने और नए स्रोतों को तलाशने और राजस्व प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए को-ऑर्डिनेशन करने का निर्देश दे रही है। राजस्व उगाही का माइक्रो लेवल पर होगा ऑब्जरवेशन मालूम हो कि 28 नवंबर को शपथ ग्रहण के बाद अपनी पहली बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य सरकार आय के नए स्रोत खोजेगी। साथ ही, खनन क्षेत्र के टैक्स की भी समीक्षा करेगी। साथ ही खनन क्षेत्र से होनेवाली आय का पुनः मूल्यांकन करेगी, ताकि उसे बेहतर तरीके से बढ़ाया जा सके और विकास की प्रक्रिया को तेज किया जा सके। यह कदम राज्य के संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने और राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की ओर एक बड़ा कदम हो सकता है। इधर, हेमंत सोरेन ने अपनी बैठकों में भी राजस्व संग्रहण बढ़ाने और नए स्रोत तलाशने के लिए सभी विभागों को निर्देशित किया है। उन्होंने अधिकारियों से राजस्व उगाही पर माइक्रो लेवल ऑब्जरवेशन के लिए भी कहा है। सीएसआर गतिविधियों की जांच व्यवस्था बनाने व विभागीय समन्वय पर जोर दिया है।