प्रदेश के पहले प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन बुधवार को होने जा रहा है। पिछले साल राइजिंग राजस्थान इनवेस्टमेंट समिट का आयोजन किया गया था। उसमें करीब 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू हुए थे। इनमें से करीब सात लाख करोड़ रुपए के एमओयू धरातल पर उतर चुके हैं। बाकी की क्या स्थिति है? और क्या चल रहा है। इसको लेकर उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि एमओयू धरातल पर उतर रहे हैं। राइजिंग राजस्थान निवेश घोषणाओं का बड़ा हिस्सा जमीन पर नहीं उतरा ?
राज्य ने एमओयू ग्राउंडिंग के लिए एक समयबद्ध रूपरेखा, प्रत्यक्ष भूमि आवंटन और एकल-खिड़की मंजूरी को सख्ती से लागू किया है। राजस्थान राइजिंग के तहत हुए करीब 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू में आज विभिन्न विभिन्न स्टेज पर है। पिछले दो साल में ही हमने 33 नए औद्योगिक क्षेत्र, 1952 भूखंड आवंटन, और 3100 से अधिक के एमएसएमई को सशक्त किया है। राजस्थान सरकार का औद्योगिक विकास का मॉडल क्या है?
औद्योगिक विकास मॉडल अब क्लस्टर-आधारित विकास, सनराइज सेक्टर्स, ग्रीन ग्रोथ और निर्यात प्रोत्साहन पर केंद्रित है। राजस्थान में टेक्सटाइल व सिरेमिक, मैन्यूफेक्चरिंग-फार्मा और सोलर, फर्नीचर व हैंडीक्राफ्ट जैसे सेक्टर को तेजी मिली है। हमने यह दिखाया है कि सरकार सही हाथों मेंहो तो असंभव लगने वाले काम भी संभव हो जातेहैं। नीति बदली भी है और ज़मीन पर दिख भी रही है। एनसीआर रीजन में भूमि आवंटन की योजना को लेकर क्या प्रगति है?
एसीआर-केंद्रित निवेशकों के लिए रीको और राज निवेश के माध्यम से एनसीआर-केंद्रित भूमि बैंक और सक्रिय आवंटन शुरू किया गया है। निवेशक ऑनलाइन देख सकते हैं कि कौन सी जमीन उपलब्ध है। रिज़र्व प्लॉट कौन से हैं ? आवंटन प्रक्रियाकी समय सीममा है। पहले जहां महीने लगते थे, अब एनसीआर क्षेत्र में बड़े उद्योगों के लिए जमीन आवटंन तेजी और पारदर्शी दोनों तरह से हुआ है। निवेश के साथ रोजगार सृजन सबसे बड़ा मुद्दा है, इसमें क्या किया गया?
राइजिंग राजस्थान के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्समंत्री भजनलाल शर्मा के विजन के तहत हाईस्किल जीसीसी और स्टार्टप आधारित रोजगार तेज हुए हैं। यूथ ऑरियंटेंट इकोसिस्टम तैयार हुआ है।


