भास्कर न्यूज | कवर्धा प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकार और लोकप्रिय कवि पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे का हाल ही में हृदय गति रुकने से निधन हो गया। उनके निधन से देशभर के साहित्यकारों में शोक की लहर है। इसी क्रम में कवर्धा राजभाषा आयोग जिला समिति और कवर्धा साहित्यकार समिति ने संयुक्त श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। कार्यक्रम में जिले के सभी प्रमुख साहित्यकार शामिल हुए। सभी ने सुरेन्द्र दुबे के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वरिष्ठ साहित्यकार गणेश सोनी प्रतीक ने उनके साथ बिताए पलों को साझा किया। साहित्यकार नीरज मंजीत ने बताया कि सुरेन्द्र दुबे का प्रभाव अमेरिका तक था। वहां लोग छत्तीसगढ़ी भाषा का सम्मान करते थे। इसका कारण दुबे जी का साहित्यिक योगदान था। साहित्यकार आदित्य श्रीवास्तव ने कहा कि सुरेन्द्र दुबे केवल साहित्यकार नहीं, राज्य की अमूल्य धरोहर थे। उन्हें राज्य गौरव के रूप में सदैव याद किया जाएगा। कवर्धा से था विशेष लगाव: कार्यक्रम का संचालन कर रहे युवा साहित्यकार अभिषेक पाण्डेय ने कहा कि सुरेन्द्र दुबे को कवर्धा से विशेष लगाव था। यहां के कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति और चाहने वालों की भीड़ उन्हें अलग पहचान देती थी। वे प्रदेश के नए साहित्यकारों को कवि सम्मेलन और साहित्य से जोड़ते रहे। उनका जाना अपूरणीय क्षति है।