राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष चित्तौड़गढ़ दौरे पर:रेहाना रियाज चिश्ती बोलीं- प्री मैरिज काउंसलिंग जरूरी, आज के युवा भटक रहे

राजस्थान राज्य की महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती मंगलवार को चित्तौड़गढ़ दौरे पर रही। उन्होंने यहां जनसुनवाई की। इस दौरान उन्होंने कहा कि दहेज प्रताड़ना और शादी से जुड़े कई मामले आए है। बड़ी बात यह है की शादी के कुछ दिन बाद दंपती दूसरे से अलग रहना चाहते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए, इसलिए प्री-मैरिज काउंसिलिंग का भी होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई फेक मामले भी आते हैं लेकिन हम उतने ही जोश के साथ उन मामलों की जांच पड़ताल करते हैं। न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है
राज्य महिला आयोग रेहाना रियाज चिश्ती ने कहा कि खुशी की बात है की राजस्थान की महिला आयोग इंडिया पर पहले नंबर पर है। बिना किसी भेदभाव के हम हर मामले को हैंडल करते हैं। यही चीज हमें पहले नंबर पर लाई है। उन्होंने कहा कि कई मामले हमारे सामने आते हैं जो बाद में फेक निकलते हैं। फिर भी हम उस केस में जोश के साथ डील करते हैं। जितनी जल्दी हो सके पीड़ित को न्याय दिलाने की कोशिश करते हैं। पुलिस भी हमारे साथ रहती है। पीड़ितों के लिए आते है जनसुनवाई के लिए
उन्होंने कहा कि कई पीड़ित तक नहीं पहुंच पाते हैं, वह चिंता का विषय है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि सामाजिक और पारिवारिक दबाव के चलते कई मामले ऐसे ही दब जाते हैं। आयुक्त तक आने ही नहीं देते और यही आंकड़े चिंताजनक है। हमारी कोशिश रहती है कि जल्दी से जल्दी हम पीड़ित को राहत पहुंचा सके। जयपुर काफी दूर हो जाता है इसलिए कई पीड़ित जयपुर तक नहीं पहुंच पाते हैं इसलिए हम हर जिले में जाकर जनसुनवाई करते हैं। उन्होंने बताया कि दहेज प्रताड़ना के मामले आते हैं लेकिन उसमें सामूहिक रेप और लिविंग का मामला भी छोड़ देते हैं। जहां पर महिला से जुड़े हुए मामले नहीं हो, वह भी महिलाओं के नाम जोड़ देते हैं, इसीलिए ज्यादा केस हो जाता है। प्री-मैरिज काउंसिलिंग का होना जरूरी
उन्होंने कहा कि आजकल के युवा भटक रहे हैं। उन्हें जागरूक होने की जरूरत है। डाइवोर्स के भी बहुत केस आ रहे हैं। शादी के तुरंत बाद ही कई लोग आ जाते हैं और यह बोलते हैं कि एक दूसरे के विचार नहीं मिल रहे हैं, उन्हें हम सुझाव देते हैं। वैसे ऐसे मामले की जागरूक कर रहे हैं। मेरा मानना है की प्री मैरिज काउंसलिंग का होना जरूरी है। शादी का टिके रहना जरूरी है लेकिन आजकल के युवा हमारे कल्चर को छोड़कर दूसरे कल्चर को अपना रहे हैं। कानून सबके लिए समान है
उन्होंने कहा कि बच्चे चाहे बिगड़ रहे हैं लेकिन माता-पिता उस बात को एक्सेप्ट नहीं कर पाते हैं। लेकिन हमें जागरूक होना चाहिए। रेहाना रियाज चिश्ती ने कहा कि अगर कोई महिला पुरुष को भी प्रताड़ित करती है तो उसके साथ-साथ मां और बहन भी प्रताड़ित होते हैं। हम उस मुद्दे को भी महिलाओं के मुद्दा समझ के हैंडल कर रहे हैं। देश में कानून सबके लिए एक जैसा है, इसलिए हम सबके लिए काम करते हैं।

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