रामलला के भव्य मंदिर के रंग मंडप का शिखर पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है। यह श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर के 5 मंडप में से एक है। अब से ठीक एक माह बाद 11 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ समारोह पूर्वक मनाई जाएगी। इस समारोह की सम्पूर्ण रूपरेखा तैयार करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से 4 सदस्यीय समिति गठित की गई है। इसी के द्वारा सब कुछ तय किया जाना है। अब तक सप्तऋषि मन्दिर, परकोटे के साथ बनने वाले शिव, सूर्य, मां दुर्गा, देवी अन्नपूर्णा गणेश, हनुमानजी आदि के मन्दिरों के निर्माण में भी तेजी आई है। राम मंदिर में वीआईपी श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। कभी-कभी सारे स्लॉट फुल हो जाते हैं, ऐसे में वीआईपी दर्शन कराने में असुविधा होती है। इसको देखते हुए ट्रस्ट ने सुबह 11 से 12 बजे का एक नया स्लॉट बना दिया है। पहले सुबह 11 से एक बजे के स्लॉट में वीआईपी दर्शन की सुविधा नहीं थी, क्योंकि दोपहर 12:15 बजे रामलला की भोग आरती होती है फिर 12:30 से 1:30 तक मंदिर बंद रहता है। राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि वीआईपी श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या व आगामी कुंभ मेले को देखते हुए स्लॉट में वृद्धि की गई है। अब हम राम मंदिर निर्माण को कुछ और फोटो के जरिए दिखाते हैं….. राम मंदिर परिसर में बढ़ेगा प्रसाद काउंटर महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को रामलला का प्रसाद मिल सके इसके लिए ट्रस्ट राममंदिर परिसर में प्रसाद का काउंटर बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। महाकुंभ में रोजाना दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने की संभावना है। इसको देखते हुए ट्रस्ट प्रसाद का काउंटर बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। मकर संक्रांति से काउंटर बढ़ा दिए जाएंगे। महाकुंभ को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रहा है। राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि महाकुंभ के दौरान यदि दो लाख श्रद्धालु भी रामलला के दरबार में रोजाना पहुंचेंगे तो कोई असुविधा नहीं होगी। सभी श्रद्धालुओं को ट्रस्ट की ओर से नि:शुल्क प्रसाद दिया जाता है। इसके लिए चार काउंटर बनाए गए हैं। तीन काउंटर श्रीराम जन्मभूमि पथ पर व एक काउंटर वीआईपी दर्शन मार्ग पर बनाया गया है। डॉ़ अनिल ने बताया कि प्रसाद के पैकेट भी अधिक बनवाए जाएंगे, ताकि सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद मिल सके। इसके अलावा परिसर में चल रहे सड़कों के निर्माण का कार्य भी 14 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। परिसर में इधर-उधर पड़ी निर्माण सामग्री को भी व्यवस्थित कराया जा रहा है। जूता-चप्पल रखने के लिए एक भवन के निर्माण का काम भी शुरू हो गया है।