राम रहीम की पैरोल पर SGPC प्रधान भड़के:बोले- सरकार बंदी सिखों के लिए क्यों नहीं बनाती नियम, दोहरी नीति बंद हो

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को एक बार फिर पैरोल मिलने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी भड़क गए हैं। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अगर एक व्यक्ति के लिए नियम बदले जा सकते हैं, तो जेल में बंद उन सिखों के लिए भी नियम बनाए जाएं जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। धामी ने कहा कि ये बहुत दुख की बात है कि राम रहीम जैसे सजायाफ्ता कैदी को बार-बार पैरोल दी जा रही है, लेकिन जिन सिखों ने अपनी सजा पूरी कर ली, उन्हें अब तक रिहा नहीं किया गया। उन्होंने इसे सरकार की दोहरी नीति बताया और इसे लेकर नाराजगी जताई। बंदी सिख शिकायत ना करने की बात करते हैं एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि वह कई बार बंदी सिखों से मुलाकात कर चुके हैं और यह मुद्दा बार-बार उठाते रहे हैं। लेकिन बंदी सिख उन्हें शिकायत ना करने की बात बार-बार कहते हैं। धामी ने स्पष्ट कहा कि कानून सभी के लिए बराबर होना चाहिए और सरकार को दोहरे मापदंड नहीं अपनाने चाहिए। एसजीपीसी अध्यक्ष ने सरकार से मांग की कि बंदी सिखों को जल्द रिहा किया जाए और सभी के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार किया जाए। 40 दिन की पैरोल पर बाहर आया है राम रहीम हरियाणा में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर बाहर आ गया है। उसे 40 दिन की पैरोल मिली है। राम रहीम मंगलवार सुबह ही सिरसा डेरे के लिए रवाना हुआ। वह 14वीं बार पैरोल या फरलो लेकर बाहर आया है। बता दें कि राम रहीम साध्वियों से रेप और हत्या के केस में 20 साल जेल की सजा काट रहा है। वह इससे पहले 9 अप्रैल 2025 को 21 दिन की फरलो पर बाहर आया था, और सिरसा डेरे में ही रहा था। इस दौरान सिरसा डेरे में अपने अनुयायियों से मुलाकात की। साथ ही डेरे का स्थापना दिवस भी मनाया था।

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