छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। कृष्ण जन्मोत्सव के दिन ऐतिहासिक गौरीशंकर मंदिर और श्री श्याम मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। शनिवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ी रही। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा दूसरे जिले से भी श्रद्धालु रायगढ़ आए। सुबह से मंदिर पहुंचकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन किए। शाम होते-होते ही भीड़ पहले से अधिक बढ़ गई। रात में मंदिरों में जन्मोत्सव शुरू होते ही हरे कृष्ण-हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे के जयकारे से मंदिर गूंजने लगा। रात भर श्रद्धालु मंदिर मेला और झूला उत्सव का लुत्फ उठाते रहे। आकर्षक झांकियों का प्रदर्शन गौरी शंकर मंदिर और श्री श्याम मंदिर में झांकियों का भी प्रदर्शन किया गया। ऐसे में दोनों ही मंदिरों में आकर्षक झांकियां श्रद्धालुओं को लुभा रही थी। भगवान श्री कृष्ण और ऑपरेशन सिंदूर के साथ ही बच्चों के लिए जुरासिक पार्क का झांकी लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था। जगह-जगह भंडारे प्रसाद वितरण कृष्ण जन्मोत्सव के लिए शनिवार से शहर के अलग-अलग जगह पर भंडारे का आयोजन किया गया था। सामाजिक संस्थाओं ने रामनिवास टॉकीज रोड, गौरीशंकर मंदिर रोड, चक्रधर नगर चौक, रविशंकर शुक्ल मार्केट रोड, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ चौक से लेकर अन्य जगह पर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया। पुलिस की रही व्यवस्था शहर में कृष्ण जन्माष्टमी में काफी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है। जिसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम किए थे। शहर के अलग-अलग जगह पर बैरिकेड्स लगाए गए थे, तो चार पहिया वाहनों को मुख्य सड़क पर प्रतिबंध कर दिया गया था। साथ ही जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात थे। पहले की अपेक्षा अधिक भीड़ गौरीशंकर मंदिर के पुजारी स्वामी शर्मा ने बताया कि, कृष्ण जन्मोत्सव उल्लास का पर्व है। गौरीशंकर मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाने की पुरानी परंपरा है। रात में धूमधाम के साथ जन्मोत्सव मनाया गया। काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। झांकियों में बाल कृष्ण की लीला की झांकी है। पहले की अपेक्षा भीड़ अधिक बढ़ी है। 27 साल से कर रहे आयोजन श्री श्याम मंदिर समिति के सदस्य सचिन अग्रवाल ने बताया कि, पिछले 27 साल से इस आयोजन को करते आ रहे हैं। हर साल नया उत्साह श्रद्धालुओं में देखने को मिलता है। इसी से हमें और बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है। जन्माष्टमी के दिन सुबह से श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया। भक्तों की सुविधाओं को देखते हुए भंडारे प्रसाद की व्यवस्था की गई थी।