रायगढ़ में पिछले दिनों हुई बारिश से भीगा धान:जिले में 2 लाख क्विंटल उठाव अब भी बाकी, डीएमओ बोली- कोई गड़बड़ी न हो इसका ध्यान रखेंगे

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला में धान खरीदी के बाद लोहरसिंह में धान का स्टेक लगाया गया था। जहां पिछले दिनों हुई तेज बारिश के बाद यहां रखा हुई कई बोरी धान पानी में भीग गया है। साथ ही बोरियों से धान अंकुरित होकर बाहर निकल रहा है। जिले में सबसे बड़ा धान संग्रहण केन्द्र में कई बोरी धान पानी के कारण खराब हो रहे हैं। जिले की सोसायटी में धान खरीदी के बाद भंडारण कर यहां 650 स्टेक थे। जिसमें से 472 के आसपास के स्टेक के उठाव हो गया था, लेकिन करीब 178 स्टेक धान यहां रहने से उसमें का कई बोरी धान बारिश के पानी में भीग गया। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों हुई बारिश के बाद इस पर भंडारण में तैनात कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया। जिससे कई बोरियां भीग जाने धान अंकुरित होकर बाहर आने लगा है। वहीं मिलर भी अब अंकुरित होने वाले धान की बोरियों का उठाव करने से कतरा रहे हैं। खुले आसमान के नीचे कई क्विंटल धान
बताया जा रहा है कि संग्रहण के बाद लोहरसिंह में धान को खुले आसमान के नीचे रखा जाता है। सिर्फ एक बड़े तिरपाल का सहारा ही होता है। इससे कई बार इस तरह की समस्या देखने को मिलती है और बारिश में धान के भीगने से लाखों रुपए के धान बर्बाद हो जाते हैं।
आगे कोई गड़बड़ी न हो ध्यान रखेंगे
इस संबंध में डीएमओ जान्हवी जैन ने बताया कि लोहरसिंह जिले का सबसे बड़ा धान संग्रहण केंद्र है। वहां 650 स्टेक थे, 472 के आसपास के स्टेक के उठाव भी हो गए हैं, जो भी भंडारण किया गया था नियमानुसार किया गया है। इसकी भी जांच की गई थी। उन्होंने बताया कि हो सकता है बारिश बहुत ज्यादा हुई है। इस वजह से कुछ स्टेक में पानी लगा हो। आगे इस प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिए ध्यान दिया जाएगा और सरकार से जो मापदंड मिले हैं उसे पालन करेंगे। जिले में 2 लाख 12 हजार क्विंटल धान उठाव के लिए शेष है। तेजी से उठाव के लिए रोस्टर सिस्टम लागू किया गया है। बड़े सरकारी अवकाश को छोड़कर सभी दिन उठाव हो रहे हैं।

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