रायपुर में बूंदाबांदी, अगले 4 दिन रिमझिम बरसात:सरगुजा संभाग में भारी बारिश का अलर्ट, रायगढ़, कोरिया, सूरजपुर समेत 10 जिले भीगेंगे; बिजली गिरेगी

छत्तीसगढ़ में अगले तीन से चार दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके बाद प्रदेश भर में तेज बारिश का दौर फिर से शुरू हो सकता है। रायपुर में घने बादल छाए हुए हैं, सुबह रिमझिम बारिश हुई। सरगुजा संभाग के जिलों में आज गरज चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने बेमेतरा, रायगढ़, कोरिया, सूरजपुर सहित उत्तर छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में बिजली गिरने के साथ भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। पिछले पांच दिनों में सिर्फ 24.1 MM पानी बरसा 28 जुलाई तक 603 MM औसत बारिश प्रदेश में हुई थी। 29 जुलाई को यही आंकड़ा 611.5 MM और 30 जुलाई को 623 MM, 31 जुलाई को 627.1MM तक पहुंचा और एक अगस्त को 629.2 MM बारिश ही हुई। यानी 28 और 29 जुलाई के बीच 8.5 MM, 29 और 30 जुलाई के बीच 11.5 MM, 30 से 31 जुलाई के बीच 4.1MM, 31 से 01 जुलाई के बीच 2MM बारिश हुई। यानी 28 जुलाई से 01 अगस्त के बीच सिर्फ 26.1 MM औसत बारिश ही दर्ज की गई। जुलाई में 459 मिलीमीटर बारिश जुलाई महीने की बात करें तो अब तक 459 मिमी बारिश हो चुकी है। आखिरी 6 दिनों यानी 25 जुलाई से 29 जुलाई तक 159 मिमी बारिश हुई है। पिछले दस सालों में सिर्फ दो बार ही जुलाई में बारिश का आंकड़ा 400MM पार हुआ है। 2023 में जुलाई माह में प्रदेश में सबसे ज्यादा 566.8MM पानी बरसा था। इससे पहले 2016 में 463.3MM पानी गिरा था। इस लिहाज से 10 साल में दूसरी बार ही प्रदेश में इतनी बारिश रिकॉर्ड की गई है। लंबा रह सकता है मानसून मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियमित समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है। जानिए इसलिए गिरती है बिजली दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके। अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है। जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके लिए जानना जरूरी आकाशीय बिजली से जुड़े मिथ

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