डेढ़ साल से ट्रेस कर रही इंटेलिजेंस का बड़ा खुलासा- बंगाल के रास्ते ट्रेन रूट से मुंबई आते हैं बांग्लादेशी, अब इनके साथ आतंकी आने की आंशका ऑपरेशन सिंदूर के बाद छत्तीसगढ़ सहित देश के सभी राज्यों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। राज्यों की इंटेलिजेंस और एंटी टेररिज्म स्क्वाड की गुरुवार को एक बैठक हुई। इसके पहले आईबी चीफ ने राज्यों के सभी इंटेलिजेंस चीफ से बात की। उन्होंने राज्यों में एक्टिव हुए स्लीपर सेल पर नजर रखने की बात कही। छत्तीसगढ़ में सिमी के आतंकवादी पहले भी पकड़े जा चुके हैं। ऐसे में इंटेलिजेंस को इनपुट मिला है कि एक बार फिर वे एक्टिव हो गए हैं। ऐसे करीब 100 संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है, क्योंकि हाल ही में अभी 3 बांग्लादेशी मुंबई से पकड़े गए। ये सभी रायपुर में 2013 से रह रहे थे। जांच में यह सामने आया है कि ये इराक भागने वाले थे। वहां आतंकी संगठन आईएसआई में शामिल होने जा रहे थे। वहीं इनको फर्जी दस्तावेज बनाकर देने वाला शेख अली भागकर बांग्लादेश पहुंच गया है। इंटेलिजेंस ने शुक्रवार को सभी जिलों के पुलिस को अलर्ट जारी कर दिया है। बड़ी फैक्टरियों और खदानों में काम करने वाले मजदूरों को चिन्हित किया जा रहा है। साथ ही शहर में नए आने वाले लोगों पर भी नजर रखी जा रही है। सभी ठेकेदारों को कहा गया है कि उनके यहां जितने मजूदर हैं, उनका आधार कार्ड अवश्य लें। अगर कोई भी संदिग्ध नजर आता है तो तत्काल पुलिस को बताया जाए, वरना उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। रायपुर, भिलाई, बिलासपुर जैसे जिलों की बड़ी कंपनियों में पुलिस ने रजिस्टर की जांच की। वहीं एटीएस टीम रेलवे स्टेशन पर नजर रख रही है। हावड़ा से मुंबई जाने वाली ट्रेनों की जांच की जा रही है। हावड़ा-मुंबई ट्रेन से गए थे बांग्लादेशी
छग एटीएस ने 8 फरवरी को तीन बांग्लादेशी मो. इस्माइल, शेख अकबर और शेख साजन को मुंबई के पायधुनी से गिरफ्तार किया था। पूछताछ मेंं पता चला कि तीनों भाई हैं। रायपुर के टिकरापारा से ये लोग 26 जनवरी को हावड़ा-मुंबई मेल ट्रेन से मुंबई पहुंचे थे। यहां से तीनों इराक के बगदाद जाने वाले थे। इनके पास पासपोर्ट-वीजा मिला। एटीएस के इन्वेस्टिगेशन में मिला कि तीनों बांग्लादेश के जेसोर जिले के रहने वाले हैं। 12 साल पहले रायपुर आकर इन्होंने शेख अली की मदद से फेक डॉक्यूमेंट बनवाए थे। इनके पकड़े जाने के बाद ये बांग्लादेश भाग गए। रायपुर में मो. आसिफ व बहरान यादव को भी पकड़ा गया इन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाए थे। सभी पांचों आरोपी जेल में हैं। सालभर में अब तक एक हजार संदिग्ध मिल चुके हैं राज्य में
करीब एक साल से इंटेलिजेंस बांग्लादेशियों की खोज कर रही है। अब तक 1000 से अधिक संदिग्धों को चिन्हित किया गया है। इसमें से करीब 100 की गतिविधियां अति संदिग्ध मिली हैं। इन सभी की कुंडली तैयार की जा चुकी है। ये कई साल पहले बांग्लादेश से आकर छत्तीसगढ़ में बस गए हैं। इन सभी के पास आधार कार्ड से लेकर वोटर आईडी कार्ड हैं। कुछ के पास तो पासपोर्ट होने की सूचना है। इस दौरान वे बांग्लादेश और पाकिस्तान भी गए हैं। इस रूट पर एटीएस का रेड अलर्ट बांग्लादेशियों की धरपकड़ में इंटेलिजेंस को एक बड़ा इनपुट मिला है। बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल से भारत में आने के लिए ट्रेन रूट का उपयोग करते हैं। बांग्लादेश से बस या अन्य साधन से पश्चिम बंगाल पहुंचकर वहां से ट्रेन के रास्ते महाराष्ट्र पहुंचते हैं। इस पूरे रूट में जहां उनके परिचित होते हैं वहां वह रुककर बस जाते हैं। बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद आतंकवादियों के लिए यह देश सबसे सुरक्षित हो गया है। अब आशंका का यह है कि बांग्लादेशियों के साथ आतंकवादी भी कहीं इस रूट पर निकल न पड़े। इसलिए इस रूट पर एटीएस ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है।


