छत्तीसगढ़ के पीएमश्री स्कूलों को सौर ऊर्जा से रौशन किया जा रहा है। क्रेडा ने प्रदेश के 193 में से 41 स्कूलों में रुफटॉप सोलर पैनल लगाने का काम 6 माह में पूरा कर लिया है। बताया गया है कि केन्द्र सरकार की पीएमश्री योजना से प्रदेश के स्कूलों को भी जोड़ा जा रहा है। पहले चरण में 211 स्कूलों को पीएमश्री बनाया जा चुका है। इनमें 193, कक्षा एक से पांच, 3 स्कूल कक्षा एक से आठ और 10 स्कूल कक्षा छठवीं से 12वीं तक तथा 8 स्कूल पहली से 12वीं तक वाले हैं। राज्य शासन द्वारा सभी पीएमश्री स्कूलों में सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए समग्र शिक्षा विभाग की और से 11.58 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। दूसरे चरण के लिए स्कूलों का चयन शीघ्र किया जाएगा। सिलगेर, टेकलगुड़ियम में हाईमास्ट से बिखरी रौशनी
सुकमा के नक्सल प्रभावित सिलगेर, टेकलगुड़ियम में सौर संयंत्र लगाए गए हैं। इन गांवों में 15 से ज्यादा सोलर हॉई-मास्ट संयंत्र स्थापित किये गये हैं। जिससे ग्रामीण अब रात में भी आसानी से आवाजाही कर सकते हैं। पहले रात में अंधेरे के कारण गांव में निकलना काफी मुश्किल होता था। अब गांव के बच्चे भी देर रात तक बाहर खेलते दिख जाते हैं। सोलर ड्यूल पंप ने दिलाई झिरिया के पानी से राहत
नियद नेल्लानार योजना के तहत् अबूझमाड़ के गांवों में सोलर ड्यूल पंप संयंत्र लगाए गए हैं। यहां के कस्तुरमेंटा, हिकपाड़, ओकपाड, ईरकभट्टी एवं कानागांव में क्रेडा ने 17 सोलर संयंत्र लगाए हैं। इससे 24 घंटे पीने का साफ पानी मिलने लगा है। पानी की सप्लाई से ग्रामीण खुश हैं क्योंकि इन्हें कभी झिरिया के पानी से अपने दिन काटने पड़ते थे। नक्सल प्रभावित गांव पूवर्ती पहुंची दूरदर्शन की आवाज
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में आजादी के 78 साल बाद दूरदर्शन की आवाज पहुंची। नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव के लोगों ने सोलर प्लांट की मदद से टीवी पर देश- दुनिया के दर्शन किए। क्रेडा ने इस धूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास की एक नई किरण पहुंचाई है। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत गांव के बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी घंटों टीवी सेट के पास बैठे रहते हैं। यहां सात सोलर पंप भी लगाए गए हैं। लोगों के जीवन में आ रहा है सकारात्मक बदलाव
क्रेडा के माध्यम से दूरस्थ अंचल के ऐसे गांवों जहां पर बिजली की पहुंच नहीं है उन गांवों को चिन्हांकित कर सौर ऊर्जा से रौशन किया जा रहा है। बस्तर और प्रदेश के ऐसे गांवों में बिजली, पानी की उपलब्धता से वहां के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। – राजेश सिंह राणा, सीईओ क्रेडा