बीजेपी विधायक संजय पाठक की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने उनके विरुद्ध की गई शिकायत पर 5 जिलों के कलेक्टरों को आदिवासियों के नाम पर जमीन खरीदी करने के मामले की जांच करने को कहा है। आयोग ने कहा है कि इसकी रिपोर्ट एक माह में आयोग को मिल जानी चाहिए अन्यथा आयोग समन जारी कर पांचों कलेक्टरों या उनके प्रतिनिधियों को तलब कर रिपोर्ट लेगा। उधर, कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा की शिकायत पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने भी इस मामले की जांच के लिए लिखा है जिसके बाद जनजातीय कार्य विभाग ने संबंधित कलेक्टरों को पत्र भेजकर जांच कराने और कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कर्मचारियों के नाम खरीदी जमीन
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने 5 दिसंबर को पत्र लिखकर कटनी, जबलपुर, उमरिया, डिंडौरी और सिवनी के कलेक्टरों से कहा है कि मध्य प्रदेश के कटनी जिले के विजय राघवगढ़ विधानसभा के विधायक द्वारा अपने अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के नाम पर जमीन खरीदी है। आयोग ने कहा है कि डिंडौरी , जबलपुर, उमरिया, कटनी और सिवनी जिलों में बैगा जनजाति के साथ धोखाधड़ी कर अरबों रुपए की बेनामी भूमि खरीदने का काम किया गया है। आयोग के समक्ष ऐसी शिकायत दिव्यांशु मिश्रा अंशु निवासी कटनी ने की है। इसे संज्ञान में लेते हुए आयोग ने यहां के कलेक्टरों से कहा है कि सभी कलेक्टर पत्र मिलने के बाद एक माह के भीतर प्रकरण में तथ्य और टिप्पणियां राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को व्यक्तिगत रूप से या अन्य संचार माध्यमों से उपलब्ध कराएंगे। आयोग ने य़ह भी कहा है कि अगर तय समय में उत्तर नहीं मिलता है तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 (क) के खंड 8 के अंतर्गत सिविल न्यायालय की शक्तियों का प्रयोग करते हुए कलेक्टर या उनके प्रतिनिधियों को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन जारी कर सकता है। सिर्फ डिंडौरी कलेक्टर ने दी रिपोर्ट, चार कलेक्टरों को चेतावनी
शिकायत कर्ता दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने बताया कि आयोग को 15 सितंबर को आयोग को शिकायत की गई। इसके बाद आयोग के निर्देश पर डिंडौरी कलेक्टर ने जांच कर जानकारी भेज दी है लेकिन चार कलेक्टरों सिवनी, जबलपुर, कटनी और उमरिया कलेक्टर ने जानकारी नहीं दी है। इस पर आयोग ने उन्हें अंतिम चेतावनी दी है। दिव्यांशु ने अपनी शिकायत में कहा है कि कटनी जिले के चार आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर संजय पाठक ने डिंडौरी जिले में 795 एकड़ जमीन बैगा आदिवासियों से धोखाधड़ी कर खरीदी है। यहां वे बाक्साइट खदानें स्वीकृत कराने की तैयारी में हैं। यह भूमि रघुराज सिंह गौड़, नत्थू कोल, राकेश सिंह गौड़ प्रहलाद कोल के नाम पर डिंडौरी जिले के बजाग तहसील के पिपरिया माल, बघरेली सानी, सरई टोला और हर्रा टोला में वर्ष 2025 के बाद से अब तक खरीदी गई है। दिव्यांशु ने इन सभी के खातों की जांच करने के लिए भी जांच एजेंसियों से कहा है। CM से कम्प्लेन कर चुके हैं कांग्रेस विधायक अलावा
कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लिखित शिकायत कर चुके हैं। इसके बाद आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने कलेक्टर डिंडौरी को पत्र लिखकर आदिवासी जमीन की खरीद बिक्री की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए लिखा है। अपर आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि डॉ. हीरालाल अलावा विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में डिंडौरी जिले के बजाग तहसील में संरक्षित बैगा बहुल क्षेत्र की 1200 एकड़ आदिवासी जमीन बेनामी रूप से गरीब आदिवासियों के नाम पर खरीदे जाने की कम्प्लेन की है। इसकी जांच कर कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय ने भी चिट्ठी लिखी है। यह खबर भी पढ़ें… संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों को ₹443 करोड़ के नोटिस:विधानसभा में आया जवाब: जबलपुर कलेक्टर ने 15 दिन का टाइम दिया


