छ्त्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में रिटर्निंग ऑफिसर के एक पत्र से बवाल मच गया है। पत्र में सचिवों को आदेश देते लिखा गया है कि, चुनाव आयोग से आदेश आया है कि गैर आदिवासी पुरुष से शादी के बाद आदिवासी महिला आरक्षित सीटों से चुनाव नहीं लड़ सकती। हालांकि, अब अफसरों का कहना है कि यह त्रुटिवश हुआ है। जिसे निरस्त करने दूसरा आदेश जारी किया गया है। दरअसल यह मामला जिले के कटेकल्याण का है। कटेकल्याण की तहसीलदार और रिटर्निंग ऑफिसर आशा कश्यप ने 22 जनवरी को आदेश जारी किया है। जब यह आदेश पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो जिला कलेक्टर ने इस आदेश को निरस्त करने निर्देश दिए। जिसके बाद देर शाम एक और आदेश जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि यह त्रुटिवश हुआ है। पहले आदेश को निरस्त किया जाता है। एक महीने पहले सर्व आदिवासी समाज ने उठाया था मामला दरअसल, करीब महीनेभर पहले सर्व आदिवासी समाज के गीदम ब्लॉक के अध्यक्ष जितेंद्र वेट्टी ने मांग की थी कि यदि आदिवासी महिला किसी गैर आदिवासी पुरुष से शादी कर लेती है तो उसे आरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने न दिया जाए। चुनाव में आरक्षण का लाभ उन्हें न दिया जाए। जितेंद्र वेट्टी की इस मांग के बाद अब रिटर्निंग ऑफिसर का यह पत्र जारी होने से बस्तर जैसे आदिवासी क्षेत्र में बवाल मच गया है।