रिम्स में पीजी स्टूडेंट्स को इंट्राविट्रियल इंजेक्शन पर दिया गया विशेष प्रशिक्षण

हेल्थ रिपोर्टर| रांची रिम्स नेत्र रोग विभाग की ओर से शनिवार से डायबिटिक रेटिनोपैथी पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह आयोजन विट्रियोरेटिना सोसाइटी ऑफ इंडिया के सहयोग से रांची ऑप्थेलमिक फोरम के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार ने किया। बतौर मुख्य अतिथि के रूप में हैदराबाद के रेटिना विशेषज्ञ डॉ. पद्मजा कुमारी रानी शामिल हुईं। कार्यशाला के दौरान डायबिटिक रेटिनोपैथी के बचाव व इलाज पर विस्तृत चर्चा हुई। रिम्स नेत्र रोग विभाग के हेड डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि इस कार्यशाला में पीजी छात्रों को इंट्राविट्रियल इंजेक्शन पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने बताया कि इंट्राविट्रियल इंजेक्शन डायबिटिक रेटिनोपैथी के इलाज में काफी कारगर है। वहीं, डॉ. पद्मजा कुमारी ने बताया कि हर डायबिटिक मरीज को साल में एक बार आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए। निदेशक डॉ. राजकुमार ने बताया कि डायबिटीक मरीज में शरीर का हर अंग प्रभावित होता है। मरीज को सजग रहने की जरूरत है। झारखंड नेत्र सोसायटी की साइंटिफिक कमेटी की चेयरपर्सन और रांची ऑप्थेल्मिक फोरम की सेक्रेटरी डॉ भारती कश्यप ने कहा कि डायबिटिक दृष्टिहीनता से बचने के लिए जरूरी है शुरुआती अवस्था में ही डायबीटिक रेटिनोपैथी की जांच और इलाज हो जाए। इसके लिए पब्लिक अवेयरनेस और डॉक्टरों का प्रशिक्षण भी साथ-साथ जरूरी है। कार्यशाला के दौरान आयोजित फंड्स फोटो प्रतियोगिता में कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल की पोस्ट ग्रेजुएट छात्रा रूशाली राठौर विजेता रही। वहीं, कार्यशाला में मुख्य रूप से रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिरेन बिरूआ, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल प्रसाद, डॉ. दीपक लकड़ा, डॉ. बीपी कश्यप समेत अन्य मौजूद रहे।

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