छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी को लेकर सालों से चल रही उलझन समाप्त होने का दावा तीन भूगोलविदों की रिसर्च में किया गया है। रिसर्च के बाद बैलाडीला के नंदीराज पर्वत को प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी माना गया है। सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार राजमेरगढ़ की देवथानी चोटी को सबसे ऊंची चोटी माना जाता रहा है। वहीं, कुछ किताबों में गौरलाटा को सबसे ऊंची चोटी माना गया है। प्रदेश के कई तथ्यों को लेकर विवाद की स्थिति रही है। अरपा समेत कुछ नदियों के उद्गम, सबसे ऊंची पर्वत चोटी समेत कई तथ्यों को लेकर पीएससी, व्यापमं परीक्षाओं के बाद विवाद बनता रहा है। बलरामपुर का गौरलाटा दूसरे स्थान पर बलरामपुर जिले के सामरी पाट क्षेत्र में स्थित गौरलाटा चोटी (1225 मीटर) को राज्य की दूसरी सबसे ऊंची चोटी माना गया है। यह भी एक पाट क्षेत्र है, जहां गहरी घाटियां और हरे-भरे जंगल हैं। कई प्रतियोगी परीक्षाओं में इसे सर्वोच्च चोटी माना गया, लेकिन रिसर्च के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई है। एक नजर में अन्य प्रमुख चोटियां उलझन की स्थिति, इसलिए रिसर्च छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के बाद से ही छत्तीसगढ़ के पठार और पहाड़ियों की ऊंचाइयों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा था। यह भौगोलिक ज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी समस्या थी। प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इस तथ्य को लेकर विवाद की स्थिति बनती रही है। राज्य के पाट एवं पहाड़ों की ऊंचाइयों की सटीक जानकारी राज्य के सामने प्रस्तुत करना आवश्यक था, इसीलिए प्रमाणिक स्रोतों के आधार पर राज्य के पाट एवं पहाड़ों की ऊंचाई पर रिसर्च किया गया।डॉ. पीएल चंद्राकर, एसोसिएट प्रोफेसर, भूगोल, पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी, रायपुर