रीगल रिसोर्सेस के IPO में निवेश का आज (गुरुवार, 14 अगस्त) आखिरी मौका है। दो दिन में यह IPO 26 गुना सब्सक्राइब हुआ है। इसमें रिटेल में 22 गुना, NII में 68 गुना और QIB में 3.36 गुना सब्सक्राइब हो चुका है। इस इश्यू के जरिए कंपनी टोटल 306 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। कंपनी ने इसके लिए 2.06 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर्स किया है, इसकी वैल्यू ₹210 करोड़ है। इसके साथ ही रीगल के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए 94 लाख शेयर्स बेचेंगे, जिसकी वैल्यू ₹96 करोड़ है। मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? रीगल रिसोर्सेस ने IPO का प्राइस बैंड ₹96 – ₹102 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 144 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹102 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,688 इन्वेस्ट करने होंगे। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 1,872 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹1,90,944 इन्वेस्ट करने होंगे। IPO से जुड़ी डिटेल्ड जानकारी के लिए भास्कर ने कंपनी के प्रेसिडेंट अनिल किशोरपुरिया और होलटाइम डायरेक्टर करण किशोरपुरिया से बात की, पढ़िए बातचीत के मुख्य अंश… सवाल 1 – रीगल रिसोर्सेस के बारे में बताइए, इसका अब तक का सफर कैसा रहा? जवाब- ये एक कॉर्न मिलिंग कंपनी है और मक्का इसका रॉ मटेरियल है। इसमें हमलोग मक्का को ग्राइंड और क्रश करते हैं, जिससे मेनली चार प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं- कार्बोहाइड्रेट्स, स्टार्च, प्रोटिन (ग्लूटन) और जर्म। इनका इस्तेमाल एनिमल कंजप्शन,मक्के का तेल, फाइबर बनाने के लिए किया जाता है। कंपनी की शुरुआत 2012 में हुई थी और कॉमर्शियल प्रोडक्शन सितंबर 2018 शुरू हुई। तब हमारी प्रोडक्शन कैपेसिटी 180 टन थी, जो अब बढ़कर 825 टन तक पहुंच गई है। 3. सवाल- सीजन के हिसाब से मक्के के दाम में बदलाव होने से कोई असर होता है? जवाब- हमारी कंपनी बिहार बेस्ड हैं और बंगाल के बोर्डर के पास हैं। बिहार में सालाना 55 लाख टन मक्का का प्रोडक्शन होता है और बंगाल में 20 लाख टन होता है। हम बंगाल से महज 1 किलोमीटर दूर हैं। इस लिहाज से हमारे लिए कुल 75 लाख टन माल की उपलब्धता है। इसलिए हम सीजन से समय यानी रबी के समय ही अपने टोटल कंजप्शन का 90% खरीद लेते हैं। इससे ऑफ-सीजन के प्राइस फ्लक्चुएशन का असर नहीं होता है। इसका फायदा यह होता है कि हम आज के दिन भी बता सकते हैं कि अगले साल हमारे फाइनल प्रोड्कशन का प्राइस कितना होगा। सवाल 3. आपकी कमाई में डोमेस्टिक सेल और एक्सपोर्ट का हिस्सा कितना है? जवाब- हम अपने 91% प्रोडक्शन डोमेस्टिक मार्केट में ही बेच देते हैं और केवल 9% एक्सपोर्ट करते हैं। इसमें रीजन-वाइज बात करें तो, भारत के पूर्वी हिस्से में 40%, उत्तरी हिस्से में 25-30% तक चला जाता है। बाकी बचा माल अभी महाराष्ट्र, गुजरात, और राजस्थान में जाता है, यह अभी कुछ दिन पहले शुरू हुई है। सवाल 4. रीगल रिसोर्सेस के साथ कोई किसान क्यों जुड़ेगा? जवाब- हमारा प्रोडक्शन यूनिट जिस क्षेत्र में है, वहां आसपास के किसान करीब 6 लाख टन मक्का उगाते हैं। इस 6 लाख टन को वे तीन मंडियों में बेचने जाते हैं… इसलिए लोकल किसान इन मंडियों में जाने के बजाय हमारे पास आते हैं। इसमें बिहार कनेक्ट भी एक फैक्टर है। इसके अलावा, हमने किसान मैत्री प्रोग्राम भी लॉन्च किया है। इसमें किसानो को एडिशनल इंसेंटिव के तौर पर कई तरह के एडिशनल बेनिफिट्स दिए जाते हैं। यह उनके माल बेचने की कैपेसिटी के आधार पर है। सावल 5. वैल्यू एडेड प्रोडक्ट में क्या नया ला रहे हैं? जवाब- इस साल हम 1600 टन प्रोडक्शन करने जा रहे हैं। इसमें लिक्विड ग्लूकोज और मैन्टोडिक्शन पाउडर, मॉडिफाइड स्टार्च एड कर रहे हैं। अगले साल जुलाई तक डेक्सट्रोहाइड्रसऔर मोनोहाइड्रस बना रहे हैं जो फार्मश्युटिकल्स में काम आएगा। सवाल 6. प्रॉफिट मार्जिन बढ़ाने के लिए क्या कर रहे हैं? जवाब- तीन साल पहले हमारा मुनाफा (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) 16 करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 47 करोड़ हो गया है। कंपनी का शेयर भी 36% सालाना (CAGR) के हिसाब से बढ़ रहा है। जब हम प्रोडक्शन डबल करेंगे तो प्रॉफिट भी उसी अनुपात में बढ़ेगा, जो हम कर भी रहे हैं। प्रोडक्ट में वैल्यू एडिशन के कारण जो ग्रोथ आएगा वह हमारे रेवेन्यू से ज्यादा प्रॉफिट में दिखेगा। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने IPO का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।