छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से लापता रीना गिरी हत्याकांड के मामले में झारखंड की गढ़वा पुलिस ने सास, ससुर सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। रीना के पति स्वास्थ्यकर्मी गुरुचंद मंडल ने बलरामपुर थाने में फांसी लगा ली थी, जिसे लेकर बलरामपुर में जमकर हंगामा हुआ था। लापता रीना गिरी का शव 30 सितंबर को गढ़वा थाना क्षेत्र के गबेलचंपा में कोयल नदी के पुल के नीचे मिला था। दरअसल, संतोषी नगर निवासी रीना गिरी (30) पिछले 29 सितंबर को लापता हो गई थी। रीना गिरी के भाई बदला मंडल ने पति और ससुराल वालों पर हत्या करने की आशंका जताते हुए बलरामपुर एसपी से शिकायत की थी। रीना के पति गुरुचंद मंडल, ससुर शांति मंडल, चचेरे देवर और गुरुचंद की बहन के ससुर रमेश मंडल को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही थी। झारखंड पुलिस कर रही थी जांच 30 सितंबर को झारखंड की गढ़वा पुलिस ने शव मिलने के मामले में शिनाख्त नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार कर दिया था। रीना गिरी के दोनों हाथ बंधे थे और सिर में गहरे चोट के निशान मिले थे। मृतका की शिनाख्त रीना गिरी के भाई बदला गिरी ने की थी। गोदरमाना के रहने वाले रीना गिरी के रिश्तेदार की शिकायत पर गढ़वा पुलिस ने पति गुरूचंद मंडल, शांति मंडल, रमेश मंडल, लतिका मंडल व अन्य के खिलाफ धारा 103(1), 238 (3)(5) के तहत अपराध दर्ज किया था। गढ़वा पुलिस ने चार को किया गिरफ्तार
गढ़वा पुलिस ने मामले में ससुर शांति मंडल, सास लतिका मंडल, शांति मंडल के ससुर रमेश मंडल को बलरामपुर के संतोषीनगर से हिरासत में लिया था। तीनों की संलिप्तता मिलने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। मामले में एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में चारों आरोपियों ने रीना गिरी की हत्या करना स्वीकार कर लिया है। विवाद होता था, इसलिए की हत्या
गढ़वा थाना प्रभारी नीरज कुमार ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ कि रीना गिरी अपने पति गुुरूचंद मंडल सहित सास एवं ससुर से विवाद करती थी। गुरूचंद मंडल की यह दूसरी शादी थी। आरोपियों ने हत्या की प्लानिंग की और रीना गिरी को गाड़ी में बैठाकर घटनास्थल तक पहुंचे। वहां रीना गिरी की हत्या कर शव को नदी के पुल के नीचे फेंक दिया। संदेही पति ने थाने में लगाई थी फांसी
24 अक्टूबर को बलरामपुर थाने में गुरुचंद मंडल का शव फांसी पर झूलता मिला। जिसके बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या कर शव टांगने का आरोप लगाया था। इसके बाद थाने में लोगों ने तोड़फोड़ कर प्रदर्शन किया। दूसरे दिन भी पुलिस बल पर हमला हुआ। मामले में हमलावरों के खिलाफ बलरामपुर थाने में अपराध दर्ज किया गया है।