रीवा में दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हुए शामिल:बोले- बच्चे मां-बाप को वृद्धाश्रम भेजते हैं; समाज और संस्कारों की शिक्षा जरूरी

रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में गुरुवार को 12वां दीक्षांत समारोह हुआ। प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर 57 छात्रों को स्वर्ण पदक, उत्कृष्ट छात्रों को कुल गुरु स्वर्ण पदक और 82 छात्रों को पीएचडी वा पीजी की उपाधि दी गई। समारोह में जनरल उपेंद्र द्विवेदी और समाज के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले उड़ीसा के अच्युत सामंत को विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया है। इस मौके पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी नहीं पहुंच सके, लेकिन अच्युत सामंत को राज्यपाल ने उपाधि प्रदान की। बताया गया कि अच्युत सामंत को इसके पहले विभिन्न क्षेत्रों में 62 मानद उपाधियां देशभर में मिल चुकी हैं। राज्यपाल ने अपने संबोधन में तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों पर फोकस किया। उन्होंने कहा कि हमारा देश संस्कार और परंपराओं का देश है। मैं देखता हूं कि आजकल बच्चे पढ़ लिखकर बड़े पद पर पहुंच जाते हैं, लेकिन अपने मां-बाप को पूरी तरह से भूल जाते हैं। ऐसा करने से हमारी शिक्षा पूरी नहीं मानी जाएगी। मां-बाप धरती के भगवान हैं, उनका सम्मान और उनकी देखभाल तो हर हाल में करना ही चाहिए। आजकल लोग अपने मां-बाप को वृद्ध आश्रम भेज देते हैं जो कि गलत है। उम्र के अंतिम पड़ाव तक मां-बाप का ख्याल रखना चाहिए। समारोह की तस्वीरें… मैं जिस भी विश्वविद्यालय में जाता हूं या फिर जब भी छात्रों के बीच में जाता हूं। इस बात पर जरूर फोकस करता हूं कि बच्चों को विषय और तकनीकी शिक्षा के साथ संस्कार और समाज की शिक्षा दी जाए। पढ़ने लिखने के बाद उनका समाज से जुड़ाव कम ना हो। वह हमेशा समाज से जुड़कर रहें।

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