रेहड़ा-घोड़ा, तांगा रिक्शा मजदूर यूनियन की ओर से जिला प्रशासन के खिलाफ बैठक करते हुए भड़ास निकाली गई। यूनियन के प्रधान बाबा गुरमुख सिंह ने बताया कि पुराने समय से मजदूर रेहड़ा-घोड़ा, तांगा, रिक्शा, रेहड़ी के माध्यम से भार ढोते थे। इसी से ही परिवार का गुजारा चलता था। नई तकनीक के चलते कुछ लोगों ने भार ढोने के लिए छोटा-हाथी, ऑटो डाल लिए और उस पर भार ढोने लगे। उन्होंने कहा कि 8 से 10 लाख रुपए की गाड़ियां लेकर हर मजदूर काम नहीं कर सकता है। कीमती वाहन खरीदने में मजदूर असमर्थ हैं। वहीं कुछ मजदूरों की ओर से अपना गुजारा करने के लिए जगाड़ू वाहन अपनी हैसियत के मुताबिक तैयार किए हैं। लेकिन पुलिस की ओर से आए दिन मजदूरों के चालान काट दिए जाते हैं। कई बार वाहन जब्त भी कर लिए जाते हैं। इस परेशानी के कारण मजदूरों के लिए रोजी-रोटी कमाना मुश्किल हो गया है। वहीं लोगों ने चमरंग रोड के ट्रांसपोर्ट नगर पर बैठक करने के बाद पुलिस प्रशासन के खिलाफ भड़ास निकाली। नारेबाजी करते हुए एकसार यूनियन ने कहा कि पुलिस प्रशासन के विरोध में अपनी मांग को लेकर सोमवार को रोष प्रदर्शन करते हुए पैदल मार्च निकाला जाएगा।