लक्ष्यराज बोले- डेस्टिनेशन वेडिंग कॉन्सेप्ट मेरे पिता लेकर आए:लोगों ने मजाक बनाया था; जानें- उदयपुर पूर्व राजपरिवार विवाद पर क्या कहा?

उदयपुर के पूर्व राजपरिवार और महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा है कि पहले डेस्टिनेशन वेडिंग का कॉन्सेप्ट लोगों को मजाक लगता था, लेकिन अब ये ट्रेंड बन गया है। ये ट्रेंड उनके पिताजी सबसे पहले लेकर आए थे। लक्ष्यराज जयपुर में राइजिंग राजस्थान समिट में हिस्सा लेने पहुंचे थे। एचआरच ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर और ताज ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर लक्ष्यराज ने हाल ही में पूर्व राजपरिवार में विवाद को लेकर भी बात की। पढ़िए ये खास बातचीत… सवाल – बिजनेसमैन से लेकर बॉलीवुड-हॉलीवुड के लोग उदयपुर में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए आते हैं। इसे कैसे देखते हैं? जवाब – उदयपुर को इस मुकाम पर पहुंचने में काफी लोगों की मेहनत है। मेरे पिताजी ने 1980 के दशक में डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर एक सोच और एक नींव के साथ काम शुरू किया था। तब काफी लोगों ने इस चीज पर उनका मजाक बनाया। उन्होंने डेस्टिनेशन वेडिंग को मजाक समझा था। तब काफी लोगों ने मेरे पिता को एक अलग दृष्टिकोण से भी देखा था। आज हालात बदल गए हैं। न सिर्फ राजस्थान बल्कि, देशभर में डेस्टिनेशन वेडिंग का एक चलन शुरू हो चुका है। खास तौर पर राजस्थान में जहां लोग अपनी संस्कृति से वापस जुड़ना चाहते हैं। भारतीय मूल के वह लोग जो विदेश में है। वह भी अपनी मिट्टी से जुड़ने के लिए एक बार फिर राजस्थान आ रहे हैं। ताकि अपनी जिंदगी के खास पहलू को वहां से शुरू कर सके। सवाल – आप खुद होटल व्यवसाय और ताज ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर हैं। आप राजस्थान सरकार को क्या सुझाव देना चाहते हैं? जवाब – आज के वक्त में सबसे ज्यादा जरूरत कनेक्टिविटी की है। जिस पर फिलहाल काम चल रहा है। अगर इसकी गति को और बेहतर किया जाएगा। तो यह राजस्थान के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। इसके साथ ही अन्य रास्तों को भी एक्सप्लोर करने की जरूरत है। ऐसा करने से हम और बेहतर स्थिति में आ सकते हैं। क्योंकि बहुत लोग हैं, जो राजस्थान आना चाहते हैं। डायरेक्ट फ्लाइट से लेकर सड़कों से जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सकती है। राजस्थान में इमीडिएट टर्म, शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म अलग – अलग चीजों को लेकर काम किया जा सकता है। कुछ चीज ऐसी हैं, जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजदू है। ऐसे में उन चीजों को आगे बढ़ाने के लिए जैसे उदाहरण के तौर पर उदयपुर आज की तारीख में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने की कगार पर है। अगर इसे गति मिल जाए तो चीजें और बेहतर हो जाएंगी। सवाल – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजस्थान के टूरिज्म इंडस्ट्री का जिक्र किया है। भविष्य में इसमें क्या बदलाव होने चाहिए? जवाब – बदलाव जीवन में बेहद जरूरी होता है। कुछ चीजों पर विचार विमर्श और चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है। नई पॉलिसी को लेकर बात हो रही है। यह खुशी की बात है। दुनिया के दूसरे देश टूरिज्म को केंद्र बनाकर अपनी नीतियां बनाते हैं। राजस्थान भी पिछले लंबे समय से इस सोच पर काम कर रहा है। देश-विदेश से लोग राजस्थान की कला, संस्कृति, धरोहर, खान-पान देखने के लिए राजस्थान आते हैं। ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में सुधार हुआ है। ट्रेन से लेकर प्लेन तक की कनेक्टिविटी बढ़ी है। एयरपोर्ट की संख्या में बढ़ोतरी होनी चाहिए। इनमें काफी चीजों पर काम चल रहा है या हो चुका है। जबकि काफी चीजों पर और काम होने की जरूरत है। सवाल – राजस्थान में इससे पहले भी इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया जा चुका है, लेकिन जो MOU हुए वे धरातल पर नहीं आ पाए? जवाब – इस तरह की समिट का आयोजन सरकारों को अपने शुरुआती कार्यकाल में करना चाहिए। जो मौजूदा सरकार ने किया है। किसी प्रोजेक्ट में अगर कोई कमी रहती है। तो सरकार अगले 4 सालों में उसमें सुधार कर सकती हैं। सरकार निवेशकों से बातचीत कर उनकी मदद कर सकती है। लेकिन, अगर यह इन्वेस्टमेंट समिट सरकार के आखिरी के वक्त होगी। तो फिर काफी दिक्कतें आती है। प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं आ पाते हैं। राजस्थान में मौजूदा सरकार अगले 4 साल तक भी रहेगी। ऐसे में मौजूदा सरकार द्वारा पहले ही साल में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन करना सरकार की दिशा और दशा दोनों को दर्शाता है। सवाल – आपके परिवार में पिछले दिनों काफी विवाद हुआ था। क्या उसके बाद संवाद की स्थिति बन पाई है? जवाब – जो हल निकालना चाहिए था, जो हम शुरू से जो बात कह रहे थे। वहां तक हम सब लोग पहुंचे हैं। उसे शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में पूरा किया गया है। जिसकी हम सब लोगों को खुशी है। सवाल – क्या यह पूरा विवाद सिर्फ प्रॉपर्टी की वजह से है। क्या आप इस विवाद को आगे बढ़ा रहे हैं? जवाब – इस तरह की बात तो मुझे सिर्फ आप कह रहे हैं। बाकी मुझे इस तरह की बातें सिर्फ अफवाह ही लगती हैं। अफवाहों के बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं। क्योंकि हम लोगों का न पहले कोई इस तरह का विचार था, न आज इस तरह का कोई विचार है। मुझे लगता है इन सब चीजों को एक गरिमामय तरीके से बिना किसी शक्ति प्रदर्शन या गुंडागर्दी की सोच के साथ पूरा करना चाहिए। सवाल – उदयपुर में जिला प्रशासन ने आपकी बात को मान लिया। किसी ने उदयपुर में हुए इस विवाद को लेकर अपनी गलती स्वीकार की? जवाब – किसी ने गलती स्वीकार की है या नहीं इस तरह की जानकारी मेरे पास नहीं है। इस बारे में मुझे लगता है आप ही ज्यादा बेहतर बता पाएंगे। …. राइजिंग राजस्थान और लक्ष्यराज मेवाड़ से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… 1. जयपुर में PM बोले- राजस्थानियों का दिल बहुत बड़ा है:राजस्थान राइजिंग तो है ही रिलायबल भी है, चुनौतियों से टकराने का नाम राजस्थान है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- राजस्थान राइजिंग तो है ही रिलायबल भी है। राजस्थान रिसेप्टिव भी है। समय के साथ खुद को रिफाइन करना भी जानता है। चुनौतियों से टकराने का नाम राजस्थान है। नए अवसर बनाने का नाम है राजस्थान। राजस्थान के इस आर फैक्टर में एक और नाम जुड़ गया है। पूरी खबर पढ़िए… 2. विश्वराज ने 40 साल बाद सिटी-पैलेस में धूणी दर्शन किए:लक्ष्यराज बोले- हम हिंसा के प्रशंसक नहीं, लेकिन नपुंसक भी नहीं; सीएम के दखल से विवाद थमा उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में राजतिलक की रस्मों को लेकर छिड़ा विवाद थम गया है। परंपरानुसार राजतिलक की रस्म के तीसरे दिन बुधवार शाम करीब 6.30 बजे विश्वराज सिंह मेवाड़ ने सिटी पैलेस में धूणी दर्शन किए। उनके साथ सलूंबर के देवव्रत सिंह रावत, बड़ी सादड़ी राज राणा घनश्याम सिंह, शिवरती महाराज राघवराज सिंह और आमेट राव जयवर्धन सिंह धूणी दर्शन करने पहुंचे थे। पूरी खबर पढ़िए…

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