लखनऊ के रहमानखेड़ा से 4 किमी दूर कटौली गांव में बाघ के पैरों के निशान मिले हैं। वहीं बाघ ने सोमवार को हलुवापुर में शिकार की गई नीलगाय का आंशिक हिस्सा भी खा गया। कटौली गांव के लोगों ने बताया कि सुबह खेत में काम कर रहे थे, तभी बाघ को देखा। ग्रामीणों ने बताया, बाघ खेतों से होते हुए बेहता नाले की तरफ गया। कुछ देर रुकने के बाद कटौली जंगल में भाग गया। ग्रामीणों ने कहा कि हो सकता है कि बाघ जंगल से होते हुए फिर रहमानखेड़ा की ओर चला जाए। बाघ देखे जाने की सूचना पर वन विभाग की टीम, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह, डीएफओ सितांशु पांडे, एक्सपर्ट टीम के साथ कटौली गांव में जाकर पैरों के निशान का निरीक्षण किया। थर्मल ड्रोन कैमरे को उड़ाकर आस-पास के जंगलों में सर्च करने की कोशिश की। देखें दो तस्वीरें… ग्रामीणों में खौफ
कटौली गांव में बाघ के आने की सूचना पर ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है। वन विभाग का कहना है कि अगर गांव से बाहर जाना है तो 6-7 लोग एक साथ निकलें। साथ में लाठी-डंडा जरूर रखें। जगलाल बोले- बेहता नाले की तरफ जाते देखा
जमालनगर गांव के रहने वाले संतोष ने बताया कि खेतों में बाघ के पग चिन्ह दिखे हैं। वन विभाग की टीम ने मौके का निरीक्षण किया। वहीं जगलाल ने बताया कि सुबह करीब 7.30 बजे खेतों की तरफ बाघ दिखा। जिसे देख कर वह पास की झाड़ियों में छुप कर अपनी जान बचाई, लेकिन दहशत ऐसी थी की दिलों की धड़कनें बढ़ गयी। 20 किमी एरिए में घूम रहा बाघ
बाघ की तस्वीर आने के बाद 20 किलोमीटर के रेंज में दहशत का माहौल है। वन विभाग की तीन टीमें बाघ को ट्रेस करने में लगी हैं। मूवमेंट कैप्चर करने के लिए 15 ट्रैप कैमरे लगे हैं। पकड़ने के लिए 2 कैटिंच केज लगे हैं। वन विभाग का सर्च ऑपरेशन तेज
अवध वन प्रभाग के DFO सितांशु पांडे के नेतृत्व में वन विभाग की तीन टीम लगातार इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है। बाघ को ट्रैक करने के लिए 12 ट्रैप कैमरे और 2 ट्रैपिंग केज लगाए गए हैं। इसके साथ ही थर्मल ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है। वन विभाग की टीमें पूरे इलाके में गश्त कर रही हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। रात में बाहर न जाने, बच्चों और मवेशियों को सुरक्षित रखने के लिए अलर्ट किया गया है। गांव वाले भी अपने स्तर पर निगरानी में लगे हैं। नाइट विजन कैमरे लगाए गए
वन विभाग की टीम और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया मिलकर बाघ को ट्रैक कर रहे हैं। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और नाइट विजन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाघ दिख चुका है और अब उसे पकड़ने की तैयारी की जा रही है। जंगल और इससे सटे गांवों में वन विभाग ने पर्च बांटे हैं। इसमें बाघ से बचाव की जानकारी दी गई है। यह भी निर्देश दिया गया है कि अकेले कोई भी जंगल की तरफ न जाए। लोगों की एंट्री बैन कर दी गई
काकोरी के रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फार्म की पूरी तरह से नाकाबंदी कर दी गई है। वहां केवल वन विभाग और पुलिस के अफसरों को ही एंट्री दी जा रही है। इसके अलावा कर्मचारी, मजदूर और वहां आने वाले सभी लोगों को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। गेट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विशेषज्ञ बोले- भटक गया है बाघ
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के सिमटने और शहरीकरण के कारण वन्यजीव भटककर मानव बस्तियों में आ रहे हैं। यह बाघ पास के जंगल से भटककर रहमान खेड़ा और उसके आसपास के इलाकों में पहुंचा है।वहीं, वन विभाग ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। DFO लखनऊ ने कहा कि टीम पूरी तरह सतर्क है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।