लखीमपुर में पिछले 24 घंटे के अंदर दो बाघों की मौत हो गई है। एक को ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला। वहीं दूसरा बाघ कार एक्सीडेंट में मारा गया। पहला मामला दुधवा टाइगर रिजर्व से सटे फुलवरिया गांव का है। यहां मंगलवार रात एक बाघ ने अचानक घर में घुसकर महिला पर हमला कर दिया। महिला की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हो गए और लाठी-डंडों से बाघ पर हमला बोल दिया। इस हमले में बाघ बुरी तरह से जख्मी हो गया, जिससे उसकी मौत हो गई। महिला भी गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है। बताया जा रहा है कि बाघ काफी देर तक संघर्ष करता रहा, लेकिन ग्रामीणों ने उसे मार डाला। बाघ के हमले और उसकी मौत के बाद गांव में भय और आक्रोश का माहौल बना हुआ है। ग्रामीण बताते हैं कि यह पहली बार नहीं है, जब बाघ ने घर में घुसकर हमला किया हो। इससे पहले भी बाघ और तेंदुए पालतू जानवरों को आए दिन अपना निवाला बनाते रहते हैं। लेकिन इस बार बाघ ने महिला को मारने की कोशिश की।दुधवा बफर जोन के पलिया एसडीओ पीयूष श्रीवास्तव ने बताया कि बाघ की मौत के बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया है और बाघ के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बाघ का शव सड़क से 50 मीटर दूर जंगल के अंदर मिला वहीं दूसरा मामला किशनपुर सेंक्चुरी के जंगल का है। यहां भीरा-पलिया हाईवे पर कार की टक्कर से बाघ की मौत हो गई। उसका शव सड़क से 50 मीटर दूर जंगल के अंदर मिला। वन विभाग की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है साथ ही वन विभाग की टीम ने कार समेत एक युवक को हिरासत में लिया है। सड़क पार करते समय कार ने बाघ को मारी टक्कर वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार किशनपुर सेंक्चुरी में भीरा-पलिया हाईवे पर बुधवार सुबह करीब 10 बजे जंगल से निकलकर एक बाघ हाईवे पारकर कर रहा था। इसी दौरान हरियाणा के नंबर की तेज रफ्तार कार की चपेट में आ गया। टक्कर लगने से बाघ सड़क से 50 मीटर दूर जाकर गिरा। आए दिन वन्यजीव गांवों में घुस आते हैं फुलवरिया गांव और आसपास के क्षेत्र दुधवा टाइगर रिजर्व से सटे हुए हैं, जिससे आए दिन वन्यजीव गांवों में घुस आते हैं। लेकिन अब इंसानों पर भी हमले बढ़ने लगे हैं, जिससे गांव वाले डरे हुए हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि अगर इस तरह की घटनाएं फिर से होती हैं, तो वे वन विभाग को तुरंत सूचना दें। बाघ संरक्षित प्रजाति, हत्या करना अपराध खुद किसी भी जंगली जानवर पर हमला करने की कोशिश न करें, क्योंकि बाघ संरक्षित प्रजाति है। इसकी हत्या वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, जबकि वन विभाग वन्यजीव संरक्षण के नियमों को लेकर सतर्क है।