लतार सर्किल में वन मुनारा तोड़कर अवैध कब्जे की कोशिश
कोतमा। वन परिक्षेत्र के लतार सर्किल में एक बार फिर भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है बीट धुरवासिन आरएफ 442 कोटमी के वन मुनारा (सीमा चिन्ह) क्रमांक 08 को जानबूझकर तोड़कर उसकी स्थिति 1 मीटर खिसका दी गई है। यह साफ तौर पर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ है, ताकि अतिक्रमणकारी वन भूमि पर अवैध कब्जा कर सकें।
क्या हुआ?
वन मुनारा क्रमांक 08 अपने मूल स्थान से लगभग 1 से 2 मीटर खिसक चुका है जिससे वन भूमि का अतिक्रमण आसान हो गया है। डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड पर आरोप है कि उन्होंने अतिक्रमणकारियों के साथ मिलकर यह साजिश रची। जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है, ताकि मामला दब जाए और दोषी बच निकलें।
वन विभाग की निष्क्रियता
सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त वन मुनारे का खिसकना दिखाता है कि विभाग की निगरानी प्रणाली पूरी तरह फेल हो चुकी है। पर्यावरण को खतरा अवैध कब्जे से न सिर्फ वन संपत्ति नष्ट हो रही है, बल्कि पारिस्थितिकी संतुलन भी बिगड़ रहा है।
क्या होना चाहिए?
तत्काल जांच उच्च स्तरीय टीम को मामले की जांच कर दोषियों को पकड़ना चाहिए। कड़ी कार्रवाई भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। मुनारा पुर्नस्थापना खिसकाए गए मुनारा को वापस उसकी मूल स्थिति में निर्माण किया जाए। पारदर्शिता वन विभाग में सिस्टम को पारदर्शी बनाने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं।
जंगल के रक्षक बने भक्षक
यह मामला वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार, लापरवाही और अधिकारियों की सांठगांठ को एक बार फिर उजागर करता है। अगर समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो वन भूमि का अवैध कब्जा और बढ़ेगा, जिसका खामियाजा पर्यावरण और आम जनता को भुगतना पड़ेगा। अब वक्त आ गया है कि प्रशासन जागे और दोषियों को सजा दी जाए! वन भ्रष्टाचार को रोको जंगल बचाओ, धरती बचाओ।