भागलपुर के पूर्व जिला परिषद सदस्य बीरबल मंडल (बीरू) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बीरबल मंडल की हत्या की गई है या किसी अन्य कारण से मौत हुई है, इस संबंध में भागलपुर से एसएसपी ने कहा है कि इसके लिए हम फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में शामिल एक शख्स को गिरफ्तार किया, जिसने पूरी कहानी बताई। तब पुलिस झारखंड के दुमका पहुंची और बीरबल के दफनाए गए शव को पुलिस की मदद से बाहर निकलवाया। दरअसल, दुमका पुलिस ने 18 मार्च को सड़क किनारे से बीरबल का शव बरामद किया था। बीरबल ने सफेद शर्ट और ब्लू जींस पहना था। शव के पास सफेद कपड़ा भी मिला था। दुमका पुलिस के अनुसार, जहां बीरबल की लाश मिली, वहां से कुछ दूरी पर एक स्कॉर्पियो भी लावारिस हालत में खड़ी मिली। हालांकि, पुलिस ने स्कॉर्पियो और जिसकी लाश मिली, उसका कनेक्शन खोजा लेकिन दुमका पुलिस को सफलता नहीं मिली। मृतक की पहचान न होने पर दुमका पुलिस ने शव को 2 दिन मोर्चरी में रखा। इसके बाद 20 मार्च को गड्ढ़े में दफना कर अंतिम संस्कार कर दिया। साथ ही बीरू की लाश के अंतिम संस्कार के समय दुमका पुलिस ने फोटो लिया था, जिसे सोशल मीडिया पर पहचान के लिए पोस्ट कर दिया था। अब जानिए, भागलपुर पुलिस ने जिसे गिरफ्तार किया, उसने क्या बताया? दरअसल, जगदीशपुर (पश्चिमी) के वर्तमान जिला परिषद सदस्य शिव कुमार 16 मार्च की शाम को जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दादा टोला के रहने वाले बीरबल मंडल के घर पहुंचे थे। बीरबल 2016 से 2021 तक जिला परिषद सदस्य थे। शिव कुमार, बीरू को उसके घर से तारापीठ ले जाने की बात कहकर ले गए थे। शिव और बीरबल के साथ भाड़े की स्कॉर्पियो में ड्राइवर जाहिद उर्फ बबलू था बाद में इसमें शत्रघ्न मंडल का एक शख्स भी सवार हुआ। पुलिस ने जिसे गिरफ्तार किया है, वो स्कॉर्पियो का ड्राइवर मोहम्मद जाहिद है। उसने बताया कि मैं शिव कुमार, बीरबल, शत्रुघ्न को लेकर 16 मार्च की शाम तारापीठ के लिए निकला। रास्ते में एक होटल में पार्टी की। फिर अगले सुबह यानी 17 मार्च की दोपहर करीब एक बजे तारापीठ पहुंचे। यहां पूजा के बाद एक होटल में कमरा लिया। सभी ने शराब पार्टी की। ड्राइवर के मुताबिक, मैंने देखा कि देर रात शिव कुमार और शत्रुघ्न मंडल बीरबल को लेकर होटल के कमरे से निकल रहे थे। इस दौरान होटल कर्मियों ने पूछा कि क्या बात है, तो शिव कुमार और शत्रुघ्न ने कहा कि ज्यादा शराब पीने से तबीयत खराब हो गई है, इसलिए बीरबल को लेकर अस्पताल जाना है। मैं वहां था, तो मैंने ये बातें सुनी और तत्काल बीरबल को लेकर आगे की ओर निकल गए। इसके बाद बीरबल को दुमका में फेंक दिया गया। हालांकि, स्कॉर्पियो के अंदर बीरबल को रखे जाने से लेकर उसे फेंके जाने तक क्या हुआ, ये सामने नहीं आया है। जो सवाल उठ रहे हैं- – क्या बीरबल की पार्टी के दौरान ही मौत हो गई थी?
– क्या स्कॉर्पियो में बीरबल की हत्या की गई?
– क्या डर की वजह से लाश को सड़क किनारे फेंका गया?
– क्या ड्राइवर डर की वजह से पुलिस को घटना की जानकारी न देकर गाड़ी छोड़कर भागा? अब समझिए मामला आखिर कैसे सामने आया? 16 मार्च को निकले बीरबल का अगले दिन यानी 17 मार्च की दोपहर बाद फोन लगना बंद हो गया था, जिससे उसकी पत्नी रूबी परेशान थी। रूबी ने 18 मार्च को इंतजार किया और आखिरकार पति बीरबल के साथ अनहोनी की आशंका पर 19 मार्च को जगदीशपुर थाने में शिकायत की। रूबी ने वर्तमान जिला परिषद सदस्य शिव कुमार और अज्ञात को आरोपी बनाया। जगदीशपुर पुलिस बीरबल के लोकेशन पर तत्काल तारापीठ पहुंची। यहां हॉस्पिटल कर्मियों ने तीनों के आने की जानकारी दी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में स्कॉर्पियो को देखा। उधर, दुमका पुलिस ने सोशल मीडिया पर जो फोटो बीरबल की डाली थी, उसकी मदद से जगदीशपुर पुलिस दुमका पहुंची। यहां स्थानीय पुलिस से संपर्क किया, तो स्कॉर्पियो के लावारिस पाए जाने की सूचना मिली थी। फिर जगदीशपुर पुलिस ने स्कॉर्पियो के मालिक से संपर्क किया और फिर ड्राइवर जाहिद तक पुलिस पहुंची। ड्राइवर पुलिस हिरासत में, शिव कुमार, शत्रुघ्न फरार बुधवार को वरीय पुलिस अधीक्षक हृदयकांत ने मामले को लेकर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एसएसपी के अनुसार ड्राइवर बबलू को हिरासत में ले लिया है और जिप सदस्य शिव कुमार अभी फरार है। दोनों की तलाश की जा रही है। पत्नी रूबी ने जगदीशपुर पुलिस को दी गई शिकायत में क्या कहा था? पत्नी रूबी के अनुसार बीरू ने कहा था- 18 मार्च को आ जाएंगे। 17 मार्च को बेटी से फोन पर बात भी की थी। अगले दिन से मोबाइल बंद हो गया। शिव कुमार को फोन लगाया तो पहले काफी देर तक फोन रिसीव नहीं किया। बाद में फोन उठाकर कहा कि मैं कोलकाता आ गया हूं। बीरू 18 तारीख को ही घर चला गया था। अब वो मेरे साथ नहीं है। कहां है इस बारे में मुझे कुछ पता नहीं। इसके बाद मोबाइल बंद कर लिया। मुझे शक है कि मेरे पति की हत्या की गई है। बीरबल मंडल की मौत संदिग्ध क्यों? भागलपुर के एसएसपी हृदयकांत ने कहा है कि उनकी हत्या पश्चिम बंगाल के तारापीठ में की गई। वे अपने साथियों के साथ जिस होटल में रूके थे, उनकी मौत वहीं हुई। उन्होंने कहा कि तीन लोग (बीरबल के दो दोस्त और स्कॉर्पियो का ड्राइवर) होटल से बीरबल को बाहर निकालते दिखे। उस वक्त बीरबल की मौत हो चुकी थी। बीरबल की लाश को स्कॉर्पियो में रखा और दुमका में रानीश्वर थाना क्षेत्र में सड़क किनारे फेंक दिया। स्कॉर्पियो के ड्राइवर मोहम्मद जाहिद उर्फ बबलू (हबीबपुर) को गिरफ्तार करने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। एसएसपी ने कहा कि ये हत्या इसलिए है, क्योंकि अगर बीरबल की ज्यादा शराब पीने से तबीयत बिगड़ी तो उसे अस्पताल में एडमिट कराना था। पुलिस को सूचना देनी चाहिए थी। मौत की घटना छिपाना भी अपराध जैसा है। फिलहाल, फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा कि मौत शराब पीने से हुई या फिर हत्या की गई। वरीय पुलिस अधीक्षक हृदयकांत ने कहा, पूर्व जिप सदस्य के गायब होने के बाद उनकी पत्नी ने जगदीशपुर थाना में केस दर्ज कराया था। हमलोगों ने छापेमारी शुरू की। तारापीठ होटल में सीसीटीवी कैमरे खंगाला गया। ड्राइवर बबलू को पकड़ लिया गया है। फिलहाल ये हत्या है या ज्यादा शराब पीने से मौत क्लियर नहीं है। ये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा।