लापरवाही:शहर के किसी भी स्ट्रीट फूड वेंडर के पास कोई वैध लाइसेंस नहीं चौपाटियों में क्या और कैसे बिक रहा कभी इसकी जांच तक नहीं

बा​रिश के मौसम में सबसे ज्यादा खुले में खाना ही नुकसान देता है। खराब फूड खाने की वजह से लोग बीमार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में फूड प्वा​इजिनिंग, सिर दर्द, उल्टी, दस्त जैसी शिकायतें लेकर आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ गई है। भास्कर टीम ने शहर की सभी बड़ी चौपाटियों और अधिकतर जगहों पर बिक रहे स्ट्रीट फूड सेंटरों की जांच की तो पता चला कि कोई भी दुकानदार बिना किसी वैध लाइसेंस के यह कारोबार कर रहा है।
राजधानी में एमजी रोड, तेलीबांधा मरीन ड्राइव, मोतीबाग के पास, कटोरातालाब गार्डन के बाहर, साइंस कॉलेज के सामने और ऑक्सीजोन के बाहर सबसे बड़ी चौपाटियां हैं। जहां हजारों लोगों का रोज आना-जाना है। ये सभी दुकानदार बेहद लापरवाही से खाने-पीने की चीजें बेच रहे हैं। शहर में अधिकतर जगहों पर चाट, गुपचुप, मोमोस, समोसा, कचोरी, मंगोड़ी खुले में ही बेची जाती है। इनमें म​िक्खयां भिनभिनाती रहती हैं। इस तरह के अधिकतर स्टॉल सड़क किनारे ही होते हैं इस वजह से गाड़ियों से उड़ने वाली धूल भी इसमें जमा होती है। भास्कर टीम ने शहर के बाजारों, मोहल्लों और कालोनियों की ऐसी 20 से ज्यादा दुकानों और ठेलों का सर्वे किया। इक्का-दुक्का दुकानों में ही समोसे-कचोरी और मंगोड़ी को कांच के बॉक्स में रखा गया था। भास्कर टीम 20 अलग-अलग जगहों पर पहुंची, हर जगह मिली गंदगी अभी इस तरह अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज राज्यभर में चल रहा है अभियान
^ अभी प्रदेशभर में खाबो बने रहिबो अभियान के तहत हर जगह जांच की जा रही है। अमानक चीजों को मौके पर ही नष्ट कराया जा रहा है। मिलावटी चीजों की बिक्री और उसके उपयोग को रोकने लगातार जांच जारी है। सबसे ज्यादा फील्ड में ही काम हो रहा है।
दीपक अग्रवाल, संचालक खाद्य एवं औषधि विभाग एक्सपर्ट व्यू – डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा, एमडी अंबेडकर अस्पताल ई-कोलाइ बैक्टीरिया से हो रहा ज्यादा इंफेक्शन
खुले में बिकने वाली खाने-पीने की चीजों में मक्खियों के बैठने से ई-कोलाइव बैक्टीरिया फैलता है। नाली के आसपास बनने व बिकने वाले खाद्य पदार्थों में नाली से होकर मक्खी खाने-पीने की चीजों में आकर बैठती है। लोग उसे खाते हैं। इस वजह से पेट संबंधित बीमारियां ज्यादा होती हैं। ऐसे दुकानदार न तो फिल्टर पानी रखते हैं न ही मिनरल वॉटर। गंदे पानी के उपयोग के चलते लोगों को उल्टी, दस्त, पेट खराब और फूड प्वाइजनिंग होती है। अभी सरकारी हो या निजी इस तरह के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में मौसम में वो भी खासतौर पर अभी जब गर्मी-उमस तो कभी बारिश हो रही है बाहर के खाने से बचना चाहिए। खासतौर पर बच्चों को तो रोकना ही चाहिए।

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