लुधियाना के लोग फिर करेंगे संघर्ष:बुड्‌ढा दरिया में गिराया जा रहा गंदा पानी, मोर्चा नेता बोले- कोर्ट ने नहीं दिया स्टे

काला पानी मोर्चा के नेता लुधियाना के डीसी जतिंदर जोरवाल से मुलाकात की और उन्हें बुड्डा दरिया में डाले जा रहे प्रदूषित पानी को लेकर चेतावनी दी कि कोर्ट के आदेश के बावजूद लुधियाना में चल रहे सीडीटीपी प्लांटों में काला पानी दरिया में डाला जा रहा है। नेताओं ने डीसी को कहा कि संघर्ष से जूडे़ लोग खफा हैं और दोबारा से संघर्ष के मूड में है। जिस पर डीसी जतिंदर जोरवाल ने तुरंत एक्शन लेते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को आगामी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। काला पानी मोर्चा के नेता जसकीरत सिंह, अमनदीप सिंह बैंस, सुखपाल सिंह ने बताया कि कोर्ट की तरफ से सीडीटीपी प्लांट पर पानी डालने का जो मामला कोर्ट के पास चल रहा है, उसमें कोर्ट की तरफ से किसी तरह के स्टे आर्डर नहीं हैं, बल्कि कोर्ट के साफ आदेश हैं कि काला पानी को दरिया में डालने से तुरंत रोका जाए, ताकि लोगों को बीमारियों से बचाया जा सके। अधिकारी कोर्ट आदेश का कर रहे हैं उल्लंघन काला पानी मोर्चा के नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कुछ अफसर अपने निजी फायदे के लिए कुछ इंडस्ट्री वालों से मिले हुए हैं, जोकि कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अफसरों को जल्द कटघरे में खड़ा करेंगे। एनजीटी के आदेशों का हो अनुपालन काला पानी मोर्चा के नेताओं ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की तरफ से भी यह कहा गया है कि लुधियाना में जो तीन सीडीटीपी प्लांट चल रहे हैं वह गलत हैं। जहां से गंदा पानी बुड्डा दरिया में फेंका जा रहा है, लेकिन प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी इस बाबत मूकदर्शक बने हैं। डीसी ने फोन कर तुरंत आदेश लागू कराने के दिए निर्देश डीसी जतिंदर जोरवाल ने काला पानी मोर्चा के नेताओं की बात सुनने के तुरंत बाद प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अफसरों को कोर्ट व एनजीटी द्वारा जारी आदेश लागू कराने के निर्देश दिए। प्रशासन ने एक सप्ताह का मांगा थ समय संघर्ष के नेताओं ने कहा कि काला पानी के खिलाफ 3 दिसंबर को लुधियाना में संघर्ष हुआ था, जिसमें प्रशासन की तरफ से एक हफ्ते का समय मांगा गया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है और गंदा पानी फिर बुड्डा दरिया में गिराया जा रहा है, जिसे हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर जल्द पानी गिराना बंद नहीं किया तो दोबारा से तीखा संघर्ष करने पर मोर्चा को विवश होना पडे़गा।

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