लुधियाना नगर निगम दफ्तर के बाहर हंगामा:धरनारत कर्मियों-पुलिस में धक्कामुक्की; मेन गेट के शीशे टूटे, हिरासत में लिए गए

पंजाब के लुधियाना में नगर निगम जोन-डी में कच्चे कर्मचारियों ने सोमवार को जम कर हंगामा किया। वे अपनी सर्विस को पक्का करने की मांग कर रहे थे। इसको लेकर काफी लंबे समय से उनका संघर्ष चल रहा है। धरना दे रहे कर्मचारी जब डी-जोन दफ्तर के मुख्य गेट के पास पहुंचे तो पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की हो गई। इसमें गेट के शीशे भी टूट गए। कर्मचारियों और पुलिस के बीच टकराव मामला इतना बढ़ गया कि हाथापाई तक बात पहुंच गई। पुलिस और धरनारत कर्मियों के बीच टकराव हुआ और जोन-डी के मुख्य गेट के शीशे टूट गए। निगम दफ्तर में सहम का माहौल है। बड़ी संख्या में पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर हालात को सामान्य किया। बता दें कि हलका पश्चिमी में कोड ऑफ कंडक्ट लगा है। इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय हैं। निगम कमिश्नर के खिलाफ था धरना धरनारत कर्मियों की अगुआई कर रहे विक्की सहोता ने कहा कि आज वे निगम कमिश्नर के खिलाफ धरना देने आए थे। उन्हें प्रदर्शन करने से रोकने की कोशिश की गई, जिस कारण पुलिस के साथ उनका टकराव हो गया। उनका धरना शांतमय तरीके से पिछले 72 घंटे से चल रहा था। मुख्यमंत्री को भी इसका अल्टीमेटम भेजा हुआ था। आज जोन-डी दफ्तर में दरी बिछा कर बैठना था लेकिन एडिश्नल कमिश्नर जसदेव सिंह सेखों के साथियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की। सहोता ने कहा कि ना तो उन्होंने पुलिस कर्मचारियों को हाथ लगाया ना पुलिस ने उन्हें धक्का दिया। विक्की सहोता ने कहा कि उनकी मांग है कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। कई कर्मचारी तो पक्के होने की आशा में अब ओवरएज तक हो गए हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई। सहोता ने कहा कि आने वाले दिनों में भी प्रोटेस्ट इसी तरह जारी रहेगा। उधर, थाना डिवीजन नंबर 5 की पुलिस ने धरना दे रहे कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुलिस कर्मियों से हाथापाई की ज्वाइंट कमिश्नर जसदेव सिंह सेखों ने कहा कि जैसे ही मुझे पता चला कि जोन-डी दफ्तर के नीचे कच्चे मुलाजिम धरना दे रहे हैं। वे प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से करते तो ठीक था, लेकिन उन्होंने पुलिस कर्मचारियों के साथ हाथापाई की, जो कि सरासर गलत है। कोड ऑफ कंडक्ट लगा हुआ है, फिर भी यदि माहौल खराब करने की कोशिश की जाएगी तो यह सहन नहीं होगा। सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया है। सरकारी मुलाजिमों के साथ गलत व्यवहार किया गया है। पुलिस मामले में जांच कर बनती कार्रवाई करेगी।

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