लुधियाना में हत्या के आरोपी ने कोर्ट में किया सरेंडर:स्कॉर्पियो सवार युवक को रॉड से मारा, पुलिस ने किया गिरफ्तारी का दावा

लुधियाना में जगराओं के पास कोठे शेरजंग में स्कॉर्पियो सवार युवक की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी रमनदीप सिंह ने शुक्रवार सुबह कोर्ट में सरेंडर कर दिया। आरोपी के साथ चार वकीलों की टीम थी। इनमें भाजपा नेता और एडवोकेट विक्रमजीत सिंह सिद्धू भी शामिल थे। अदालत ने आरोपी को मौके पर पुलिस बुलाकर रिमांड पर सौंप दिया। लेकिन देर शाम को पुलिस ने प्रेस वार्ता कर दावा किया कि रमनदीप को उनकी टीमों ने ‘सफलता से गिरफ्तार’ किया है। पुलिस ने गिरफ्तारी का स्थान और समय नहीं बताया। वकीलों ने FIR कॉपी न मिलने का दिया कारण आरोपी की ओर से भाजपा नेता और वकील विक्रमजीत सिंह सिद्धू ने तीन अन्य वकीलों के साथ मिलकर सरेंडर की प्रक्रिया पूरी की। वकीलों ने बताया कि एफआईआर की कॉपी देर रात मिलने के कारण वह गुरुवार को ही पेश नहीं हो सके। इससे पहले रमनदीप का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में उसने हत्या की बात कबूली थी। जिस आरोपी को पुलिस टीमें लगातार ढूंढ़ रही थीं, उसने खुद कोर्ट में पहुंचकर सरेंडर कर दिया। आरोपी की ओर से सरेंडर अर्जी आरोपी रमनदीप सिंह शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे जगराओं कोर्ट पहुंचा। उसके साथ एडवोकेट रोहित अरोड़ा, वैभव जैन और राघव भाटिया भी थे। वकीलों ने कोर्ट में आरोपी की ओर से सरेंडर अर्जी लगाई। कोर्ट ने तुरंत सुनवाई की और थाना सिटी जगराओं पुलिस को बुलाया। नायब कोर्ट ने थाना सिटी जगराओं की पुलिस को फोन पर सूचना दी। आरोपी कोर्ट परिसर में ही मौजूद था। इसके बावजूद पुलिस को वहां पहुंचने में डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लग गया। इस दौरान आरोपी और उसके वकील कोर्ट रूम में ही बैठे रहे। पुलिस को भनक तक नहीं लगी इस पूरे घटनाक्रम की पुलिस के खुफिया विभाग को खबर तक नहीं लगी। आरोपी कोर्ट में पहुंचा और अपनी सरेंडर कर दिया। वकीलों ने कहा कि पहले वे गुरुवार को ही आरोपी को कोर्ट में पेश करने वाले थे, लेकिन एफआईआर की कॉपी देर रात मिलने के कारण शुक्रवार को सरेंडर किया गया। पुलिस ने एक प्रेस वार्ता बुलाई। इसमें एसएसपी देहात डॉ. अंकुर गुप्ता ने दावा किया कि पुलिस ने आरोपी रमनदीप सिंह को तीन टीमों की मदद से गिरफ्तार किया है। लेकिन प्रेस नोट में यह नहीं बताया गया कि गिरफ्तारी कहां और कब हुई। तीन टीमों ने मिलकर आरोपी को पकड़ा
एसएसपी ने बताया कि तीन टीमें बनाई गईं। इन टीमों ने मिलकर आरोपी को गिरफ्तार किया। लेकिन सच्चाई यह थी कि पुलिस ने आरोपी को सीधे कोर्ट से ही हिरासत में लिया था। प्रेस वार्ता में एसएसपी ने कहा कि हत्या में इस्तेमाल गाड़ी, पेट्रोल की बोतल, मृतक का हथियार और उसकी मैगजीन भी बरामद कर ली गई है। यह भी नहीं बताया गया कि ये सामान कहां से और कब बरामद हुआ। हत्या के बाद वायरल हुआ था कबूलनामे वाला वीडियो
मर्डर के बाद आरोपी रमनदीप सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में रमनदीप ने खुद हत्या की बात कबूली थी। उसने कहा था कि अब वह खुद भी बर्बाद हो गया और मृतक का परिवार भी। उसने वीडियो में यह भी कहा था कि हथियार केवल सुरक्षा के लिए होने चाहिए, न कि किसी पर रौब डालने के लिए। उसने स्वीकार किया था कि उसने एक बड़े वैली को मार डाला और उससे एक भी गोली सही से नहीं चली। डॉ. अंकुर गुप्ता ने प्रेस वार्ता में कहा कि आरोपी रमनदीप के मोबाइल की जांच की जा रही है। अगर वायरल वीडियो उसी का निकला तो आईटी एक्ट के तहत अलग से कार्रवाई की जाएगी। मीडिया को फोटो खींचने से रोका गया
कोर्ट में जब आरोपी रमनदीप ने सरेंडर किया तो बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों ने मीडिया को फोटो खींचने से रोक दिया। एक मीडिया कर्मी का कैमरा भी छीनने की कोशिश की गई। पूरा सरेंडर कोर्ट परिसर में हुआ। आरोपी के साथ चार वकील मौजूद थे। उन्होंने कोर्ट को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और सरेंडर की कानूनी प्रक्रिया पूरी करवाई। कोर्ट ने आरोपी को दोबारा 4 अगस्त को पेश करने के आदेश दिए हैं। हत्या के बाद पुलिस ने दावा किया था कि वह आरोपी को पकड़ने के लिए लगातार दबिशें दे रही है। कई टीमें गठित की गईं। लेकिन जिस आरोपी को पुलिस नहीं ढूंढ पाई, वह खुद वकीलों के साथ कोर्ट में पहुंच गया। इससे पुलिस की सक्रियता और उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। गाड़ी खड़ी करने पर विवाद आरोपी रमनदीप सिंह की ने विडियो में कहा कि अकेले ही जरकीरत सिंह उर्फ जस्सा को मौत के घाट उतारा है। जस्सा उनकी साथ वाली दुकान पर आता था। लेकिन अपनी गाडी उनकी दुकान के आगे खड़ा कर देता था। जिसको लेकर उन्होंने कई बार टोका था। लेकिन जस्सा उन्हें रिवाल्वर दिखा धमकाता था। वह सब्र करने के साथ साथ चुप रहे लेकिन मृतक जस्से ने उनकी चुपी को कमजोरी समझ लिया। वारदात से करीब 25 दिन पहले राजीनामा हुआ था। इस दौरान फैसला हुआ था कि मृतक उनकी दुकान पर नहीं आएगा। लेकिन रविवार को मृतक जानबूझ कर उनकी दुकान के साथ वाले दुकानदार के पास आया और गाडी उनकी दुकान के पास खड़ी की थी।

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