लेंसकार्ट के IPO को सेबी की मंजूरी:इश्यू से ₹8,876 करोड़ जुटाने का प्लान, नवंबर में हो सकती है लिस्टिंग

आईवियर कंपनी लेंसकार्ट को अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO के लिए सेबी से मंजूरी मिल गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुग्राम बेस्ड कंपनी लेंसकार्ट अब अगले कुछ हफ्तों में अपडेटेड प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल करेगी। कंपनी नवंबर के मिड में स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने का प्लान बना रही है। लेंसकार्ट ने जुलाई में IPO के लिए मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) यानी ड्राफ्ट पेपर्स फाइल किए थे। अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक हुआ, तो लेंसकार्ट का IPO इस साल न्यू-एज इंडियन कंपनियों में सबसे बड़ा होगा। IPO से ₹8,876 करोड़ फंड जुटाएगी रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी 10 बिलियन डॉलर (करीब 88,764 करोड़ रुपए) की वैल्यूएशन पर 1 बिलियन डॉलर (मौजूदा वैल्यू- करीब ₹8,876 करोड़) फंड जुटाएगी। यह इस साल का तीसरा सबसे बड़ा IPO होगा, जो टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के बाद आएगा। कंपनी का यह IPO फ्रेश इश्यू और OFS का कॉम्बिनेशन है, जिसके जरिए टोटल 13.22 करोड़ से ज्यादा शेयर्स जारी किए जाएंगे। इस IPO में कंपनी 2,150 करोड़ रुपए की वैल्यू के नए शेयर्स जारी करेगी। इसके साथ-साथ कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स भी ऑफर-फॉर-सेल यानी OFS के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेंगे। कंपनी के शेयरहोल्डर्स में पीयूष बंसल, नेहा बंसल, अमित चौधरी और अन्य के नाम शामिल हैं। फंड का इस्तेमाल कंपनी कहां करेगी? लेंसकार्ट इस IPO से जुटाए गए फंड का बड़ा हिस्सा अपने बिजनेस को और मजबूत करने में लगाएगी। कंपनी 272 करोड़ रुपए से भारत में नए स्टोर खोलेगी। इसके अलावा 591 करोड़ रुपए मौजूदा 2,700 से ज्यादा स्टोर्स के किराए, लीज और अन्य खर्चों के लिए इस्तेमाल होंगे। IPO से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कंपनी स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स के लिए भी करेगी। कंपनी के स्ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्स में न्यू-कंपनी ऑपरेटेड कंपनी-ओन्ड (CoCo) स्टोर्स, टेक्नोलॉजी में इन्वेस्टमेंट्स, ब्रांड मार्केटिंग और पोटेंशियल एक्विजिशन शामिल हैं। इसके अलावा इस फंड का इस्तेमाल कोको स्टोर्स को लीज और रेंट पर लेने के लिए भी किया जाएगा। कंपनी इस फंड का यूज टेक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और ब्रांड अवेयरनेस बढ़ाने के लिए भी करेगी। IPO के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर कौन हैं? कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, एवेंडस कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड और इंटेंसिव फिस्कल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को IPO के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है। वित्त वर्ष 2025 में ₹297 करोड़ का मुनाफा कमाया लेंसकार्ट ने वित्त वर्ष 2025 में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने इस साल 297 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया, जबकि पिछले साल (FY24) में उसे 10 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। कंपनी का रेवेन्यू भी 22% बढ़कर 5,428 करोड़ रुपए से 6,625 करोड़ रुपए हो गया है। FY25 में लेंसकार्ट ने 105 नए कलेक्शन लॉन्च किए वित्त वर्ष 2025 में लेंसकार्ट ने दुनिया भर में 105 नए कलेक्शन लॉन्च किए और 1.241 करोड़ ग्राहकों को 2.72 करोड़ आईवियर यूनिट बेचे हैं। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में 100 मिलियन से ज्यादा एप डाउनलोड और 104.97 मिलियन एनुअल वेबसाइट विजिटर दर्ज किए और दुनिया भर में 2,723 स्टोर ऑपरेट किए। 2024 में कंपनी की वैल्यूएशन 5 बिलियन डॉलर थी पिछले साल जून में लेंसकार्ट ने 5 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर 200 मिलियन डॉलर (करीब ₹1,775 करोड़) फंड रेज किया था। लेंसकार्ट आईवियर सेक्टर को डोमीनेट करती है। कंपनी का बिजनेस प्रॉफिटेबल भी है। वहीं थाईलैंड में भी कंपनी अपना बिजनेस तेजी से बढ़ा रही है। लेंसकार्ट की शुरुआत 2010 में हुई थी 2008 में स्थापित लेंसकार्ट ने 2010 में एक ऑनलाइन बिजनेस के रूप में शुरुआत की थी। 2013 में अपना पहला रिटेल आउटलेट खोला था। यह कंपनी भारत में सबसे बड़े आईवियर रिटेल नेटवर्क में से एक को ऑपरेट करती है। पीयूष बंसल और कोलकाता के उनके एक दोस्त ने एक ऐसी कंपनी बनाने का प्लान बनाया जो भारत के लोगों की चश्मा न पहनने की आदत को बदल सके। उन्होंने लिंक्डइन पर एक और को-फाउंडर सुमीत कपाही को ढूंढा। कपाही ने कुछ महीने पहले ही एक आईवियर कंपनी की नौकरी छोड़ी थी। तीनों ने मिलकर 2010 में वैल्यू टेक्नोलॉजी बनाई, जिसमें अलग-अलग ई-कॉमर्स वेबसाइट थी। इसमें लेंसकार्ट, ज्यूलकार्ट, बैगकार्ट और वॉचकार्ट वेबसाइट्स थीं। कुछ समय बाद चश्मे के मार्केट में पोटेंशियल देख कर तीनों ने सिर्फ लेंसकार्ट पर फोकस करना शुरू किया था। IPO क्या होता है? जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।

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