लैंड पूलिंग और शिक्षण संस्थानों में आरएसएस के हस्तक्षेप के गंभीर आरोपों के खिलाफ यूनाइटेड सिख स्टूडेंट फेडरेशन ने यूनिवर्सिटी कैंपस में रोष मार्च निकाला। इसके बाद कैंपस के गुरुद्वारा साहिब में तकरीर की गई। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जुगराज सिंह मझैल के नेतृत्व में रोष मार्च फुवारा चौक स्थित सुनहरी सपने मंच से शुरू होकर भाई गुरदास लाइब्रेरी, फन बाइट, कला विभाग, लॉ विभाग आदि से होता हुआ गुरुद्वारा साहिब में समाप्त हुआ। इस दौरान सैकड़ों विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए जीएनडीयू सुरक्षा विभाग और जिला पुलिस की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एसीपी वेस्ट शिवदर्शन सिंह संधू और इंस्पेक्टर मोहित कुमार दलबल के साथ मुस्तैद नजर आए। अध्यक्ष जुगराज सिंह मझैल ने कहा कि 41 साल के लंबे अरसे के बाद किसी विद्यार्थी संगठन द्वारा की जा रही तकरीर से सरकारें हिल गई हैं। विद्यार्थी पंथ की बात करना हमारा फर्ज है। उन्होंने कहा कि भारत में 31 प्रतिशत शहरीकरण है जबकि पंजाब में यह ग्राफ 41 प्रतिशत को छू रहा है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के केरल के कोच्चि में एक समारोह के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से जीएनडीयू के वीसी प्रो डॉ करमजीत सिंह के साथ हुई चर्चा के दौरान उन्होंने हमारी पंथिक विरासत, रीति-रिवाजों और परंपराओं को ऋग्वेद से जोड़ने की बात कही, यह राष्ट्र और पंथ पर हमले के साथ-साथ उच्च शिक्षण संस्थानों के विनाश का संकेत है। इस अवसर पर नवतेज सिंह, बाबा सरवन सिंह खियाला, मनदीप सिंह, नूरबीर सिंह, सरवन सिंह भंगू और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे।