उदयपुर शहर से निकट हवाला स्थित शिल्पग्राम उत्सव 21 दिसंबर से 31 दिसंबर तक होगा। जिसमें विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति और परंपरा का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। 21 दिसंबर को प्रदेश के राज्यपाल हरिभाउ किसनराव बागड़े उत्सव का उदघाटन करेंगे। पहले दिन दोपहर 3 बजे से प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। पहले दिन ही रिदम ऑफ इंडिया और कलर ऑफ इंडिया कार्यक्रम होगा। रिदम ऑफ इंडिया में लगभग 50 वाद्य यंत्रों की सिम्फनी प्रस्तुत की जाएगी। वहीं, कलर ऑफ इंडिया में 14 राज्यों के करीब 200 कलाकारों द्वारा कोरियोग्राफ्ड नृत्य प्रस्तुत होगा। इस वर्ष समारोह की थीम लोक के रंग-लोक के संग रखी गई है। उत्सव के 10 दिनों में 65 लोक कला दलों के लगभग 800 कलाकार प्रस्तुति देंगे। मेले 400 क्राफ्ट स्टॉल्स और चार फूड जोन होंगे
मेले में लगभग 400 क्राफ्ट स्टॉल्स होगी। जिनमें 24 राज्यों के 800 शिल्पकार और कारीगर अपना उत्पाद बेचने के लिए आएंगे। इसमें देशभर की लगभग सभी क्राफ्ट प्रदर्शित होगी। वहीं, लोगों को विभिन्न तरह के व्यंजन उपलब्ध कराने के लिए चार फूड जोन बनाए हैं। जिनमें 12 राज्यों के फूड आइटम्स होंगे। इसके अलावा मेले में कारीगर अपनी कला का लाइव प्रदर्शन करेंगे। इसमें सालावास की दरिया, पट्टू शॉल, कोटा डोरिया, लाख की चूड़ियां कश्मीरी बुनाई और मोलेला की मिट्टी शिल्प आदि शामिल है। लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दो कलाकारों को, 2.51 लाख का पुरस्कार मिलेगा
हर बार की तरह इस बार डॉ. कोमल कोठारी स्मृति लाइफटाइम अचीवमेंट लोक कला पुरस्कार भी दिया जाएगा। यह पुरस्कार महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग निवासी कठपुतली व चित्रकथी के कलाकार गणपत सखाराम मसगे और जयपुर के भवई कलाकार डॉ रूपसिंह शेखावत को दिया जाएगा। पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक को रजत पट्टिका के साथ 2.51 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। इसके अलावा मेले में थड़ों पर बहरूपिया, कच्छी घोड़ी, कच्छी लोक गायन, राठवा, सुंदरी वादन, अल्गोजा वादन, गवरी, मशक वादन, मांगणियार, चकरी और कालबेलिया आदि का प्रदर्शन दिनभर किया जाएगा।


