पदमा| जल जीवन मिशन के तहत सोलर आधारित लघु जलापूर्ति योजना पदमा प्रखंड में सभी पंचायत के गांव में वर्ष 2022 -23 में पूरे ताम झाम के साथ शुरू किया गया था । 2 साल गुजर जाने के बाद भी योजना पूरी तरह धरातल में नहीं दिख रहा है । मयूरहंड एवं बरही प्रखंड से सटे गांव पिंडार कोण के लगभग तीन हजार ग्रामीणों के लिए 21 जल मीनार लगाया गया था। जिसमें आधा दर्जन से अधिक जल मीनार बंद पड़ा है। जिसका मुख्य कारण किए गए बोरिंग से प्राप्त मात्रा में पानी नहीं निकलना है। आप भी बताना चाहते हैं जनहित के किसी मुद्दे या समस्या के बारे में… तो उससे जुड़ी डिटेल और फोटो-वीडियो अपने नाम पते के साथ हमें 9534108767 नंबर पर वॉट्सएप कीजिए। भास्कर के रिर्पोटर ने भेजी खबर मुखिया सुनीता देवी ने कहा की बंद पड़े जल मीनार को चालू करने के लिए संवेदक को कई बार कहा गया। जल्द ही चालू कर देने का आश्वासन दिया जाता रहा है। क्योंकि अब गर्मी तेज हो गई है और ग्रामीणों के सामने जल संकट है। अगर जल्द से जल्द संवेदक बंद पड़े जल मीनार को नहीं चालू किया तो उनके विरुद्ध उच्च पदाधिकारी से लिखित शिकायत की जाएगी। बहरहाल हर घर जल नल नारा को पोल खोलता है । मौजू सवाल यह है कि आखिर सरकारी योजनाएं क्यों धरातल में नहीं दिखती है और इसके जिम्मेदार कौन है। स्थानीय ग्रामीण बुधन मेहता कहते हैं की अधिकतर स्थान पर बोरिंग करने के दौरान पानी नहीं निकला था। बावजूद ठेकेदार ने जल मीनार लगाया था। बुजुर्ग ग्रामीण दीवाल महतो कहते हैं की एक साल पहले जल मीनार लगाया गया था, तब से अब तक एक बूंद भी पानी नहीं मिला है। आगे कहते हैं कि एक जल मीनार से 20 घरों में कनेक्शन किया गया है। बोरिंग से कम पानी निकलने के कारण दो या तीन घरों में ही पानी मिलता है। पूर्व विधायक प्रतिनिधि विजय रविदास कहते हैं कि योजना में घोर अनियमितता बरती गई है । बंद पड़े जल मीनार को चालू करने को लेकर संवेदक से कई बार कहा गया है। बस आश्वासन देते हैं की बहुत जल्द लोगों को पानी मिलेगा । कई ऐसे मोहल्ले में अब तक पाइप भी बिछाया नहीं गया और किया गया बोरिंग में सोलर मोटर पंप लगाया भी नहीं गया है।