वक्फ कानून से मस्जिदों को न मदरसों को खतरा तो हंगामा क्यों : प्रो. दरबारी लाल

पंजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर और इतिहास के प्रोफेसर दरबारी लाल ने हाल ही में निर्मित वक्फ कानून को लेकर राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत में दाखिल याचिकाओं पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा है कि नए कानून से किसी भी इमामबाड़े, मस्जिद, मदरसे या कब्रिस्तान को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि फिर इस मुद्दे पर इतना बड़ा विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है, यह आम लोगों की समझ से परे है। प्रोफेसर लाल ने दूरसंचार माध्यमों और समाचार पत्रों में पिछले कई दिनों से वक्फ बिल के लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने और राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं और माननीय न्यायाधीशों के विचारों को लेकर लगातार आ रही खबरों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर हो रहे हैरान करने वाले और नुकसानदायक प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 1954, 1995, 2013 और अब 2025 में वक्फ कानूनों में संशोधन किए गए हैं। इनका मकसद गरीबों, तलाकशुदा और विधवा मुस्लिम महिलाओं और मुस्लिम समाज के कल्याण को बढ़ावा देना है। प्रो. लाल ने सवाल उठाया कि वक्फ बोर्ड ने न कोई बड़ा स्कूल खोला, न कॉलेज, न अस्पताल और न ही आईटी सेंटर। फिर यह आमदनी कहां खर्च हो रही है? उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड असल में भू-माफिया की भूमिका निभा रहा है ।

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