वन्यजीव संरक्षण के लिए अनंत अंबानी को ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड:यह अमेरिकी सम्मान पाने वाले सबसे युवा और पहले एशियाई, ‘वनतारा’ को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान

वन्यजीव संरक्षण और पशु कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों के लिए अनंत अंबानी को अमेरिका में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में ‘ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें वनतारा के जरिए जानवरों के बचाव, इलाज, पुनर्वास और संरक्षण में उनके नेतृत्व के लिए दिया गया। इस उपलब्धि के साथ अनंत अंबानी ने एक खास रिकॉर्ड भी बनाया है। वह इस सम्मान को पाने वाले सबसे युवा और पहले एशियाई व्यक्ति बन गए हैं। इससे पहले यह अवॉर्ड अमेरिकी राष्ट्रपतियों जॉन एफ कैनेडी और बिल क्लिंटन सहित हॉलीवुड हस्तियों और कई वैश्विक नेताओं को दिया जा चुका है। इस सम्मान के साथ एक बार फिर ‘वनतारा’ का काम दुनिया के सामने चर्चा में आ गया है। वनतारा आज दुनिया के सबसे अलग और बड़े वन्यजीव संरक्षण प्रोजेक्ट्स में शामिल है। यहां घायल, बीमार और संकट में पड़े जानवरों को नई जिंदगी देने के साथ-साथ विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने और उन्हें दोबारा सुरक्षित माहौल में लौटाने के लिए लगातार काम किया जाता है। हर जीव को सम्मान और सुरक्षा देना ही हमारा मकसद- अनंत अवार्ड लेते हुए अनंत अंबानी ने कहा, “यह सम्मान मुझे ‘सर्वभूत हित’ यानी सभी जीवों की भलाई के रास्ते पर और मजबूती से आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जानवर हमें जीवन में संतुलन और संवेदनशीलता सिखाते हैं। वनतारा के जरिए हमारा मकसद हर जीव को सम्मान, देखभाल और एक बेहतर जिंदगी देना है। हमारे लिए संरक्षण भविष्य की बात नहीं, बल्कि आज की जिम्मेदारी है।” वनतारा ने पशु कल्याण का नया ग्लोबल बेंचमार्क सेट किया कार्यक्रम के आयोजक ‘ग्लोबल ह्यूमन सोसाइटी’ ने अनंत अंबानी और वनतारा की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि वनतारा सिर्फ एक रेस्क्यू सेंटर नहीं, बल्कि जानवरों के इलाज, देखभाल और संरक्षण – तीनों को एक साथ जोड़ने वाला एक अनूठा मॉडल है। वनतारा ने यह दिखाया है कि बड़े पैमाने पर जानवरों की मदद कैसे की जा सकती है और यही मॉडल अब दुनिया के लिए एक मिसाल बन चुका है। इस इंटरनेशनल इवेंट में वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कई बड़े नाम मौजूद थे, जिनमें डॉ. जॉन पॉल रोड्रीगेज़, मैथ्यू जेम्स, विलियम स्ट्रीट, थॉमस श्मिड, डॉ. माइकल एड्केसन और कैथलीन डुडजिंस्की शामिल रहे। भारत से डॉ. नीलम खैरे, डॉ. वी.बी. प्रकाश और डॉ. के.के. शर्मा भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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