बुरहानपुर में वन्यप्राणियों की संख्या अधिक है। यहां पिछले दिनों नेपानगर क्षेत्र में एक बाघ मृत अवस्था में मिला था तो वहीं समय-समय पर वन क्षेत्रों में तेंदुए भी नजर आते रहते हैं, इसलिए वन्यप्राणियों की गणना और निगरानी के लिए बुरहानपुर वन मंडल में वन विभाग 600 ट्रैप कैमरे लगाने की तैयारी कर रह है। इसके लिए मुंबई से वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट एसोसिएशन की टीम बुरहानपुर पहुंच गई है। वन विभाग के पास 600 कैमरे भी आ गए हैं, जिसे टीम शनिवार को तैयार कर रविवार से 300 लोकेशन पर लगाएगा। वन विभाग बुरहानपुर एसडीओ अजय सागर के अनुसार, वन्यप्राणी गणना के लिए 600 कैमरे 300 जगह लगाए जाएंगे। इससे वन्यप्राणियों की गणना और निगरानी होगी। यह कैमरे विभाग के पास आ गए हैं। डब्ल्यूसीटी एनजीओ यानी वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट के टेक्नीशियन बुरहानपुर आ गए हैं। वह कैमरे सेट करेंगे। 300 ग्रिड बनाई, एक ग्रिड पर दो कैमरे लगाएंगे वन विभाग ने पहली बार बड़े स्तर पर यह कवायद की है। 1 लाख 90 हजार 100 हेक्टेयर में फैले जंगल की 165 बीट में से 103 को चिह्नित कर 300 ग्रिड बनाए गए हैं। यहां 600 कैमरे लगाए जाएंगे। एक ग्रिड में दो कैमरे रहेंगे। इससे जिले में बाघ की उपस्थिति का पता चल सकेगा। अब तक वन विभाग की उपस्थिति से हमेशा इनकार ही करता आ रहा है, जबकि कुछ माह पहले ही नेपानगर क्षेत्र के जंगल में एक बाघ मृत अवस्था में मिला था। विसरा रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण अधिक उम्र होना बताया गया। बुरहानपुर जिले की सीमा महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर रिजर्व और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से सटी है। इसके कारण यहां से जिले में बाघ का लगातार मूवमेंट रहता है। यह बात पिछले दिनों तत्कालीन डीएफओ विजय सिंह ने भी पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार की थी। 250 वन कर्मियों को दिया गया है प्रशिक्षण ट्रैप कैमरे लगाने के लिए मुंबई की वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट के विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। टीम शनिवार को बुरहानपुर रेस्ट हाउस पहुंची। इससे पहले वन विभाग ने जिले के 250 वन कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया है। एक दिन पहले ही मुख्यालय से वन विभाग को कैमरे मिले हैं। जिले से गुजरा है मेलघाट, सतपुड़ा और पेंच टाइगर रिजर्व का कॉरिडोर वन अफसरों के अनुसार जिले के खकनार के पास से मेलघाट, सतपुड़ा और पेंच टाइगर रिजर्व का कॉरिडोर गुजरा है। यहां बाघ का लगातार मूवमेंट रहता है। बाघ अपनी टेरेटरी बनाकर अकेले रहना पसंद करता है। रहने के अनुकूल जगह तलाशने एक से दूसरे स्थान पर आता जाता है। अब बाघ के साथ ही अन्य वन्यप्राणियों की स्थिति, उपस्थिति का पता चल सकेगा। खास बात यह है कि 2021 से अब तक जिले में दो बाघ मृत अवस्था में मिले हैं। इसमें से एक बाघ तो दो माह पहले ही मृत अवस्था में नेपानगर क्षेत्र की हसनपुरा बीट क्रमांक 197 में मिला था।