राजस्थान हाई कोर्ट ने वन विभाग को अवमानना नोटिस जारी किए है। अदालत ने यह नोटिस अनिता राठी की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में कहा गया था कि अदालत ने 2023 में याचिकाकर्ता की परिवेदना का तीन माह में निस्तारण करने का आदेश दिया था। लेकिन एक साल बीतने के बाद भी विभाग की ओर से उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिस पर अदालत ने अवमानना नोटिस जारी करके विभाग से जवाब मांगा है। श्रमिक को मौखिक आदेश से हटा दिया था
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने बताया कि श्रमिक अनिता राठी को वन विभाग ने मस्टरोल पर नियुक्ति दी थी। साल 1992 से लेकर 1997 तक उसने विभाग में निरंतर कार्य किया। लेकिन उसके बाद उसे विभाग ने मौखिक आदेश से सेवा से हटा दिया। जिसके विरुद्ध प्रार्थी ने समझौता अधिकारी के समक्ष वन विभाग के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन समझौता अधिकारी ने उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की। जिस पर उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने विभाग को 3 माह में सुनवाई के बाद इस प्रकरण को निस्तारित करने के आदेश दिए। लेकिन विभाग ने उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की।