ब्रिटेन की कोविड जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की देर से लिए गए फैसलों की वजह से देश में 23000 अतिरिक्त मौतें हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक जॉनसन शुरू में वायरस की गंभीरता को समझ ही नहीं पाए और लॉकडाउन लगाने में देरी करते रहे। रिपोर्ट की चेयरपर्सन, पूर्व जज हीथर हैलेट ने कहा कि महामारी के दौरान सरकार में टॉक्सिक और अराजक माहौल था। जॉनसन लगातार फैसले बदलते थे और कई अहम सुझाव नजरअंदाज किए गए। जांच में यह भी पाया गया कि अगर ब्रिटेन ने एक हफ्ता पहले यानी 16 मार्च 2020 को लॉकडाउन लगाया होता, तो पहली लहर में मौतों की संख्या 48% कम हो सकती थी। कोविड काल में जॉनसन सरकार पर कई आरोप लगे, जिनमें डाउनिंग स्ट्रीट में पार्टियां करने और लॉकडाउन नियम तोड़ने के मामले भी शामिल थे। इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक और मुख्य सलाहकार डॉमिनिक कमींग्स के आचरण पर भी गंभीर सवाल उठे। रिपोर्ट में भविष्य की महामारी से निपटने के लिए 19 सिफारिशें भी दी गई हैं। अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ीं अन्य बड़ी खबरें… पाकिस्तान की फैक्ट्री में गैस लीक से धमाका, 15 की मौत, 7 मकान ढहे पाकिस्तान के फैसलाबाद के पास मलिकपुर इलाके में शुक्रवार सुबह एक फैक्ट्री में गैस लीक से बड़ा धमाका हो गया। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। धमाका इतना जोरदार था कि फैक्ट्री की छत उड़ गई और पास के 7 मकान भी ढह गए। शुरुआत में बचाव कर्मियों को लगा कि यह बॉयलर फटने से हुआ, लेकिन बाद में जांच में पता चला कि फैक्ट्री में कोई बॉयलर था ही नहीं। गैस लीक हुई, आग लगी और फिर आसपास की दूसरी यूनिटों में भी धमाका हो गया। पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने हादसे पर दुख जताया है और पूरी रिपोर्ट मांगी है। एक 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है जो हादसे की असल वजह और फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की जांच करेगी। नेशनल ट्रेड यूनियन फेडरेशन ने इसे भयानक हादसा बताया और कहा कि फैक्ट्रियां मजदूरों के लिए मौत का जाल बन गई हैं। यूनियन ने हर मृतक के परिवार को 30 लाख रुपए मुआवजा और घायलों का पूरा इलाज मुफ्त करने की मांग की है। यह इलाका पहले भी ऐसे हादसों का गवाह बन चुका है। पिछले साल अप्रैल में भी फैसलाबाद की एक टेक्सटाइल मिल में बॉयलर फटने से छत गिरने से दर्जनों मजदूर घायल हो गए थे। अलास्का में अगले 65 दिन तक सूरज नहीं निकलेगा, -40°F तापमान, 22 जनवरी 2026 को सूर्योदय अमेरिका के अलास्का में स्थित उटकियाग्विक शहर में इस साल का आखिरी सूर्यास्त 18 नवंबर को दर्ज किया गया। अब यहां अगले 65 दिन तक सूरज नहीं निकलेगा। यह टाइम पीरीयड पोलर नाइट कहलाती है। यह शहर उत्तरी अमेरिका का सबसे उत्तरी कस्बा है और आर्कटिक सर्कल से करीब 483 किलोमीटर आगे है। यहां करीब 4,600 लोग रहते हैं। सर्दियों में पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध सूरज से दूर झुक जाता है, इसलिए दिसंबर के आसपास यहां कई हफ्तों तक सूरज ऊपर नहीं उठता। थोड़ी रोशनी सिर्फ दोपहर में दक्षिण दिशा में हल्की लालिमा (ट्वाइलाइट) और कभी-कभी आकाश में नॉर्दर्न लाइट्स से मिलती है। अगला सूर्योदय यहां 22 जनवरी 2026 को होगा। यहां तापमान अक्सर माइनस 30-40 डिग्री फॉरेनहाइट तक चला जाता है। गर्मियों में उल्टा होता है। मई के मध्य से अगस्त के शुरू तक यहां सूरज बिल्कुल नहीं डूबता, यानी 24 घंटे दिन रहता है। ब्राजील में COP30 क्लाइमेट समिट के हॉल में आग लगी, 13 लोग घायल; 50,000 से ज्यादा डिप्लोमैट, पत्रकार और एक्टिविस्ट जमा थे ब्राजील के बेलेम शहर में चल रहे UN COP30 क्लाइमेट समिट के मेन वेन्यू पर गुरुवार को आग लग गई। इसमें 13 लोग घायल हो गए। भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी आग लगने के समय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वहीं मौजूद थे। हालांकि, वे और अन्य अधिकारी सुरक्षित रूप से कार्यक्रम स्थल से बाहर निकल गए। द न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, यह आग स्थानीय समयानुसार दोपहर 2 बजे (भारतीय समयानुसार रात 10.30 बजे) एक कन्वेंशन हॉल के अंदर एक पवेलियन में लगी थी। घटना के वक्त पवेलियन में 190 से ज्यादा देशों के 50,000 से अधिक डिप्लोमैट, पत्रकार और एक्टिविस्ट जमा हुए थे। आग लगते ही हजारों लोगों के बीच अफरातफरी मच गई। घटनास्थल से आए वीडियो और तस्वीरों में लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते दिखे। वहीं, पवेलियन से आग की लपटें और काले धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया।धुआं कई किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता था। मौके पर दर्जनों एम्बुलेंस और दमकल की गाड़ियां पहुंचीं। कार्यक्रम के आयोजक UN COP30 प्रेसीडेंसी और UNFCCC ने एक जॉइंट स्टेटमेंट में बताया कि लगभग छह मिनट में आग पर काबू पा लिया गया। आग लगने के कुछ ही मिनटों बाद, इलाके में भारी बारिश शुरू हो गई, जिससे कार्यक्रम स्थल से बाहर आए हजारों लोग भीग गए। बता दें कि यूनाइटेड नेशन्स फ्रेमवर्क कनवेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के वार्षिक COP30 क्लाइमेट समिट 10 से 21 नवंबर तक होने वाला है। इसमें 190 से ज्यादा देशों के हजारों लोग भाग लेने पहुंचे हैं। आयोजकों ने अपने बयान में मेहमानों से कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी के लिए अगली सूचना तक इंतजार करने कहा गया है। मोदी G20 में शामिल होने साउथ अफ्रीका रवाना हुए: तीन दिन के दौरे पर टॉप लीडर्स से मिलेंगे; ट्रम्प ने समिट का बायकॉट किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी शुक्रवार सुबह तीन दिन की साउथ अफ्रीका यात्रा पर रवाना हुए हैं। मोदी के आज शाम 6 बजे तक साउथ अफ्रीका पहुंचने की उम्मीद है। वे जोहान्सबर्ग में होने वाले G20 देशों के 20वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस बार की G20 मीटिंग साउथ अफ्रीका की मेजबानी में हो रही है। PM मोदी 21 से 23 नवंबर तक साउथ अफ्रीका में रहेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री तीन मुख्य सेशंस में बोलेंगे। समिट के दौरान PM मोदी कई देशों के नेताओं से अलग-अलग मुलाकात भी करेंगे। इसके अलावा वे इंडिया-ब्राजील-साउथ अफ्रीका (IBSA) देशों की बैठक में भी शामिल होंगे। यह मोदी की दक्षिण अफ्रीका की चौथी आधिकारिक यात्रा है। इससे पहले 2016 में द्विपक्षीय यात्रा और उसके बाद 2018 और 2023 में दो ब्रिक्स शिखर सम्मेलनों के लिए मोदी गए थे। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने G20 समिट का बायकॉट किया है। अमेरिका से कोई भी अधिकारी इसमें भाग नहीं ले रहा है।पूरी खबर पढ़ें… चीन के जापानी सीफूड पर बैन से भारत को फायदा: दोनों देशों में विवाद से इंडियन कंपनियों के शेयर बढ़ें चीन और जापान के बीच ताइवान को लेकर बढ़ते तनाव का सीधा फायदा भारत को मिल रहा है। चीन ने बुधवार को जापान से आने वाले सभी सीफूड (जैसे- मछली, झींगा) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद भारतीय सीफूड निर्यातकों के शेयरों में तेज उछाल देखने को मिला। चीन के इस फैसले से उसके बाजार में सीफूड की कमी का खतरा पैदा हो गया है। इसे पूरा करने के लिए वह भारत जैसे देशों की तरफ तेजी से रुख कर रहा है। इसके चलते भारतीय सीफूड कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है। तेलंगाना की अवंती फीड्स के शेयर करीब 10% तक चढ़ गए। यह कंपनी के शेयर में पिछले दो महीनों में सबसे बड़ी बढ़त है। वहीं एक और सीफूड कंपनी कोस्टल को-ऑपरेशन के शेयर भी 5% बढ़े। कंपनी ने अप्रैल में कहा था कि वह चीन को निर्यात बढ़ाएगी। पूरी खबर पढ़ें…


